रणजी ट्रॉफी: फॉर्मेट में हो सकता है बदलाव, नौ ग्रुप में बांटी जा सकती हैं टीमें

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने रणजी ट्रॉफी के आयोजन के लिए नई-नई नीतियां बनानी शुरु कर दी हैं। लीग के सफल आयोजन के लिए इस बार इसका फॉर्मेट भी बदला जा सकता है। एलीट टीमों को चार-चार के ग्रुप में बांटा जा सकता है तो वहीं प्लेट ग्रुप में छह टीमों को साथ रखा जा सकता है। यदि इस फॉर्मेट के साथ सीजन खेला गया तो मैचों की संख्या में कमी देखने को मिलेगी।
एक प्लान ऐसा है जिसमें फाइनल में जाने वाली टीम को अधिकतम आठ मैच खेलने होंगे जिसमें तीन सुपर लीग के मैच शामिल हैं। 24 टीमें ऐसी होंगी जो केवल तीन मैच खेलकर अपना सीजन समाप्त करेंगी। फिलहाल 30 एलीट टीमें और आठ प्लेट टीमें रणजी में हिस्सा लेती हैं, लेकिन इस बार दो प्लेट टीमों को एलीट में शामिल किया जाएगा। संभवतः बिहार और चंडीगढ़ को यह मौका मिल सकता है।
यदि 32 एलीट टीमों को चार-चार के ग्रुप में बांटा जाता है और छह टीमों का प्लेट ग्रुप बनाया जाता है। तो एलीट ग्रुप के टॉपर्स को सुपर लीग में जगह मिलेगी। इनमें से सुपर लीग में फिर दो ग्रुप बनाए जाएंगे। सुपर लीग की दो टॉप टीमें सेमीफाइनल में जाएंगी और फिर दो टीमें फाइनल में खेलेंगी। सेकेंड स्टेज में सभी टीमें अपने ग्रुप में तीन और मैच खेलेंगी।
इसके अलावा BCCI एक और प्लान बना सकती है जिसमें दो एलीट टीमों को लास्ट-16 में जगह मिले और यहां से नॉकआउट की शुरुआत की जाए। प्लेट टीमों को पहले की तरह इस बार टाइटल के लिए लड़ने का मौका नहीं मिल पाएगा। प्लेट टीमों को पांच लीग मुकाबले खेलने का मौका दिया जाएगा और इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाली दो टीमों को अगले सीजन के लिए एलीट में प्रमोशन का मौका रखा जाएगा।
जय शाह ने एक बयान में बीते शुक्रवार (28 जनवरी) को कहा था, "बोर्ड ने इस सीजन में दो चरणों में रणजी ट्रॉफी आयोजित करने का फैसला किया है। पहले चरण में हम लीग चरण के सभी मैचों को पूरा करने की योजना बना रहे हैं, जबकि नॉकआउट जून में होंगे।" उन्होंने आगे कहा, "रणजी ट्रॉफी हमारी सबसे प्रतिष्ठित घरेलू प्रतियोगिता है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम इसके आयोजन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।"
BCCI ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी को इस सीजन में सफलतापूर्वक आयोजित किया था। टी-20 प्रारूप में खेले जाने वाली मुश्ताक अली ट्रॉफी को बायो-बबल में आयोजित किया गया था, जिसे तमिलनाडु ने जीता था। वहीं एकदिवसीय प्रारूप में खेला जाने वाली विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब हिमाचल ने अपने नाम किया था। ऋषि धवन की कप्तानी में हिमाचल ने पहली बार यह खिताब जीता था।