BCCI में पहचान नहीं थी इसलिए भारत की कप्तानी नहीं कर पाया- हरभजन सिंह
क्या है खबर?
दिग्गज ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल ही में क्रिकेट को अलविदा कहा था। हरभजन ने 2016 में आखिरी बार भारत के लिए खेला था और फिर मैदान के बाहर से ही उन्होंने संन्यास ले लिया। हरभजन किसी भी मुद्दे पर बेबाकी से बोलने के लिए भी जाने जाते हैं।
अब उन्होंने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में किसी से पहचान नहीं होने के कारण वह भारत की कप्तानी नहीं कर सके।
बयान
कप्तानी के लिए BCCI में पहचान होना जरूरी- हरभजन
1998 से 2016 के बीच हरभजन ने भारत के लिए लगभग 400 मैच खेले, लेकिन उन्हें कभी कप्तानी का मौका नहीं मिला।
NEWS 18 के साथ इंटरव्यू में हरभजन ने कहा, "भारत की कप्तानी के लिए BCCI में पहचान होनी जरूरी है जो मेरी नहीं थी। यदि आप किसी शक्तिशाली व्यक्ति की पसंद नहीं हैं तो आपको यह गौरव नहीं मिलने वाला है। मेरे साथ भी यही हुआ।"
संन्यास
पिछले साल दिसंबर में हरभजन ने लिया था संन्यास
हरभजन ने पिछले साल दिसंबर में एक भावुक यूट्यूब वीडियो पोस्ट करते हुए अपने संन्यास का ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने अपने सफर की शुरुआत से लेकर अंत तक के अहम लम्हों को याद किया था।
अपने करियर में हरभजन ने 2007 टी-20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप जीता था। उन्होंने 367 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 32.54 की औसत के साथ 711 विकेट हासिल किए हैं।
आरोप
BCCI ने नहीं दिया हमें संन्यास लेने का मौका- हरभजन
हरभजन ने महेन्द्र सिंह धोनी के साथ किसी मतभेद से इंकार किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि BCCI ने कई दिग्गजों को संन्यास लेने का मौका नहीं दिया।
उन्होंने कहा, "सहवाग, गंभीर, मैं और युवराज भारत के लिए खेलते हुए संन्यास ले सकते थे। 2011 के चैंपियन्स को दोबारा खेलने का मौका ही नहीं दिया गया। BCCI की सरकार और उस समय के चयनकर्ताओं ने अपने पद का सही इस्तेमाल नहीं किया।"
सफर
संन्यास के बाद ऐसा है हरभजन का सफर
तमाम रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हरभजन ने संन्यास इस कारण लिया है क्योंकि वह जल्द ही इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में किसी बड़ी फ्रेंचाइजी के साथ सपोर्ट स्टॉफ के रूप में जुड़ने वाले हैं। हालांकि, अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
वह ओमान में लीजेंड्स लीग क्रिकेट खेलने गए थे, लेकिन कोरोना संक्रमित होने के कारण एक भी मैच नहीं खेल सके।