क्या BCCI के सबसे युवा अध्यक्ष बन सकते हैं जय शाह?
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने बीते बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने BCCI की कूलिंग ऑफ अवधि में संशोधन की अनुमति दे दी है।
इसके बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि जय शाह बोर्ड के सबसे युवा अध्यक्ष बन सकते हैं।
33 साल के शाह फिलहाल बोर्ड में सचिव के रूप में काम कर रहे हैं।
जय शाह
15 स्टेट एसोसिएशन शाह के अध्यक्ष बनने के पक्ष में
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शाह के अध्यक्ष बनने के लिए 15 स्टेट एसोसिएशन सपोर्ट कर रहे हैं। जल्द ही बोर्ड की सालाना जनरल मीटिंग होने वाली है और इसमें ताजा चुनाव के लिए नोटिस भेजा जा सकता है।
बोर्ड के वर्तमान पदाधिकारी इस सितंबर में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लेंगे और इसके बाद नए चुनाव कराए जाने हैं। अधिकतर एसोसिएशन इस बात के पक्ष में हैं कि शाह को नया अध्यक्ष बनाया जाए।
पोल
क्या जय शाह को बनना चाहिए अगला BCCI अध्यक्ष?
शुरुआत
2019 में BCCI में आए थे शाह और गांगुली
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने 23 अक्टूबर, 2019 को BCCI अध्यक्ष का पद संभाला था, जबकि शाह 24 अक्टूबर, 2019 को सचिव बने थे।
पहले के नियमों के मुताबिक तीन साल लगातार एक पद पर रहने के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड आता था और लोगों को ब्रेक लेना होता था। बोर्ड ने इस नियम को बदलने का आग्रह किया था और कूलिंग ऑफ पीरियड को छह साल बाद लागू करने के लिए कहा था।
कूलिंग पीरियड
लगातार दो कार्यकाल के बाद होगा कूलिंग पीरियड
BCCI द्वारा कोर्ट से अपील की गई थी कि उनके अधिकारियों को लगातार दो कार्यकाल तक बने रहने की छूट दी जाए, इसमें से एक कार्यकाल राज्य एसोसिएशन से जुड़ा भी हो सकता है।
इसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब अगर कोई अधिकारी BCCI में एक पद पर लगातार दो कार्यकाल पूरे करता है, तब उसे तीन साल का कूलिंग पीरियड रखना होगा। जबकि राज्य एसोसिएशन में यह कूलिंग पीरियड दो साल का होगा।
BCCI
कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म करवाना चाहती थी BCCI
BCCI द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दी याचिका में कहा गया था कि कूलिंग ऑफ पीरियड जैसी चीज को रद्द कर दिया जाए और सचिव के हाथ में अधिक शक्ति हों।
इस पर अदालत ने कहा कि कि राज्य स्तर पर तीन साल के एक कार्यकाल के बाद BCCI में एक कार्यकाल के लिए कोई कूलिंग ऑफ अवधि की जरूरत नहीं है, लेकिन राज्य एसोसिएशन या BCCI में दो कार्यकाल के बाद कूलिंग ऑफ को रखना अनिवार्य होगा।