केवल चीजें नियंत्रित करने के लिए कप्तान बने रहना चाहते थे गांगुली- ग्रेग चैपल
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व महान बल्लेबाज ग्रेग चैपल 2005 से 2007 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रहे थे। दो साल का यह समय भारतीय क्रिकेट के लिए काफी कठिन रहा क्योंकि इस दौरान चैपल और उस समय के कप्तान सौरव गांगुली के बीच काफी विवाद हुए थे। अब एक बार फिर चैपल ने गांगुली पर टिप्पणी की है। उनका कहना है कि गांगुली केवल चीजें नियंत्रित करने के लिए कप्तान बने रहना चाहते थे।
चीजों को नियंत्रित करने के लिए कप्तान बने रहना चाहते थे गांगुली- चैपल
News 18 के मुताबिक चैपल ने कहा कि गांगुली केवल टीम में कप्तान के रूप में बने रहना चाहते थे और वह अपना खेल सुधारने पर काम नहीं करते थे। उन्होंने आगे कहा, "सौरव का कप्तान रहना भी एक समस्या थी क्योंकि वह कठिन मेहनत करने के लिए तैयार नहीं थे। वह केवल कप्तान के रूप में टीम में बने रहना चाहते थे ताकि चीजों पर उनका नियंत्रण बना रहे।"
गांगुली ही चैपल को लेकर आए थे
पांच साल का कार्यकाल बिताने के बाद जॉन राइट के जाने पर गांगुली ने चैपल को भारत आने का न्यौता दिया था। चैपल ने भी भारत जैसे बड़े देश का कोच बनने का ऑफर स्वीकार कर लिया था। उस समय जॉन बुकानन ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच थे और ऐसे में चैपल ने भारतीय टीम का कोच बनने का निर्णय लिया। चैपल ने बताया कि गांगुली ने ही उन्हें यह ऑफर दिया था।
लगातार चलता रहा था गांगुली और चैपल के बीच विवाद
चैपल द्वारा जिम्बाब्वे दौरे पर गांगुली पर कप्तानी छोड़ने का दबाव बनाने के साथ ही विवाद शुरु हुआ था और इसके बाद से गांगुली का टीम से बाहर और अंदर होने चालू हो गया था। चैपल ने गांगुली की आलोचना करते हुए BCCI को ई-मेल भी लिखा था। 2007 विश्व कप से पहले तक दोनों के बीच तकरार चलती रही और टूर्नामेंट में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद चैपल को हटा दिया गया था।
द्रविड़ की कप्तानी को लेकर भी चैपल ने दिया है विवादित बयान
चैपल का कहना है कि द्रविड़ शानदार कप्तान थे, लेकिन उनकी कप्तानी में सीनियर खिलाड़ियों ने उन्हें समर्थन नहीं दिया। उन्होंने कहा, "द्रविड़ भारत को विश्व की बेस्ट टीम बनाना चाहते थे, लेकिन दुर्भाग्य से सबकी सोच ऐसी नहीं थी। वे केवल टीम में बने रहने पर ध्यान लगाते थे। जब सौरव टीम से निकाले गए तब सभी का ध्यान गया कि अब कोई भी निकाला जा सकता है।"