
लंदन ओलंपिक 2012 में भारत ने जीते थे कुल 6 पदक, जानिए कैसा रहा था प्रदर्शन
क्या है खबर?
साल 2012 में ओलंपिक खेलों का आयोजन लंदन में हुआ था, जिसमें भारत ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड्स को तोड़ते हुए कुल 6 पदक जीते थे। उस संस्करण में भारत की झोली में 2 रजत और 4 कांस्य पदक आए थे।
भारत को निशानेबाजी, कुश्ती, बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पदक हासिल हुए थे।
इस बीच 2012 के लंदन खेलों में भारत के प्रदर्शन पर एक नजर डालते हैं।
निशानेबाजी
निशानेबाजी में भारत को मिले 2 पदक
निशानेबाजी में गगन नारंग ने कांस्य और विजय कुमार ने रजत जीता था। यह पहला मौका था, जब भारत ने किसी एक संस्करण में 1 से अधिक पदक निशानेबाजी में जीते थे।
विजय ने रेपिड फायर पिस्टल 25 मीटर में रजत पदक अपने नाम किया था।
वहीं, 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में नारंग ने कांस्य पदक पर निशाना साधा था। उन्होंने 701.1 का कुल स्कोर हासिल किया था।
कुश्ती
कुश्ती में भी भारत ने जीते 2 पदक
2008 में सुशील कुमार ने कुश्ती में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। भारतीय पहलवान ने 2012 में और बेहतर प्रदर्शन करते हुए रजत पदक अपने नाम किया था।
वह स्वतंत्र भारत में 2 पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।
2012 में पुरुषों के 60 किग्रा भारवर्ग में योगेश्वर ने कांस्य पदक जीता था। उन्होंने उत्तर कोरिया के री जोंग-म्योंग को हराया था और इस प्रकार लंदन ओलंपिक 2012 में भारतीय दल के लिए पांचवां पदक जीता था।
बैडमिंटन
साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में जीता कांस्य पदक
साइना नेहवाल ने महिला एकल बैडमिंटन में कांस्य पदक जीतकर लंदन खेलों में इतिहास रच दिया था।
वांग शिन के चोटिल होने के कारण कांस्य पदक के प्लेऑफ से बाहर होने के बाद उन्होंने पदक हासिल किया था। यह बैडमिंटन में भारत का पहला पदक था।
बता दें कि उनके अलावा भारतीय शटलर में सिर्फ पीवी सिंधु (1 रजत और 1 कांस्य) ने इन खेलों में पदक जीतने में सफलता हासिल की है।
मुक्केबाजी
मुक्केबाजी में मैरी कॉम ने जीता पदक
मैरी कॉम लंदन में खेले गए 2012 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला मुक्केबाज थीं, जहां उन्होंने 51 किग्रा भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था।
उन्हें सेमीफाइनल में ब्रिटेन की निकोला एडम्स के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वह ओलंपिक में कोई और पदक नहीं जीत सकी थी।
वह टोक्यो ओलंपिक में राउंड ऑफ 16 से हारकर बाहर हो गई थी।