धरती से टकराया शक्तिशाली सौर तूफान, जानिए क्या हो सकता है नुकसान
धरती से टकराने वाले शक्तिशाली सौर तूफान से कई देशों में संचार उपग्रह और पावर ग्रिड्स को नुकसान होने की आशंका पैदा हो गई है। बताया जा रहा है कि यह 2 दशकों में धरती से टकराने वाला सबसे ताकतवर सौर तूफान था। इसके चलते तस्मानिया से लेकर ब्रिटेन तक तेज बिजली कड़की और इसका असर सप्ताहांत तक रहेगा। गौरतलब है कि सूर्य की सतह से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के निकलने को कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है।
2003 में भी आया था ऐसा ही सौर तूफान
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अंतरिक्ष मौसम अनुमान केंद्र के अनुसार, कई कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) के चलते धरती पर यह सौर तूफान आया। अक्टूबर, 2003 के 'हैलोवीन तूफान' के बाद स्वीडन में ब्लैकआउट और दक्षिण अफ्रीका में बिजली के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने के बाद यह पहला इतना ताकतवर तूफान है। NOAA ने आने वाले दिनों में और अधिक CMEs से पृथ्वी पर इस तरह के सौर तूफान आने की संभावना जताई है।
हो सकता है ब्लैकआउट
NOAA के अनुसार सौर तूफान से जुड़ा उतार-चढ़ाव वाला चुंबकीय क्षेत्र बिजली लाइनों सहित लंबे तारों में विद्युत प्रवाह को प्रभावित कर देगा, जिससे ब्लैकआउट हो सकता है। अधिकारियों ने कहा कि लोगों के पास बिजली कटौती के लिए सामान्य बैकअप प्लान होना चाहिए। इसके अलावा लंबी पाइपलाइन में भी बिजली प्रभावित होने से इंजीनियरिंग संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं और अंतरिक्ष यान को विकिरणों से खतरा होता है, हालांकि वायुमंडल इन्हें पृथ्वी तक पहुंचने से रोकता है।