क्या है नया कोरोना वायरस 'नियोकोव' जिसको लेकर चीनी वैज्ञानिकों ने जारी की है चेतावनी?
पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट से जूझ रही है। प्रतिदिन लाखों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका में नया कोरोना वायरस 'नियोकोव' (NeoCov) सामने आ गया है। इसने विशेषज्ञों को बड़ी चिंता में डाल दिया है। इस वायरस को लेकर चीन में वुहान के वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में मिले नए वायरस की संक्रमण और मृत्यु दर काफी अधिक है।
क्या है 'नियोकोव' वायरस?
'बायोरेक्सिव' वेबसाइट पर प्रीप्रिंट के रूप में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 'नियोकोव' वायरस दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में मिला है और यह वर्तमान में इन पक्षियों में ही फैल रहा है। वैज्ञानिकों ने इसके वायरस के इंसानों में भी फैलने की आशंका जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 'नियोकोव' और इसके करीबी रूप PDF-2180-CoV इंसानों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इंसानों में फैलने के बाद यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
क्या कोई नया वायरस है 'नियोकोव'?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'नियोकोव' कोई नया वायरस नहीं है। यह MERS-CoV वायरस से जुड़ा हुआ है और पहली बार 2012 और 2015 में मध्य पूर्वी देशों में इसका प्रकोप देखने को मिला था। यह हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों की एक प्रजाति में पाया गया है। हालांकि, इसे जानवरों में फैलने के लिए जाना जाता है, लेकिन यह SARS-CoV-2 के समान ही दिखता है। ऐसे में इसके इंसानों को संक्रमित करने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
'नियोकोव' को लेकर क्या है वैज्ञानिकों की राय?
चीन की वुहान यूनिवर्सिटी और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स के शोधकर्ताओं ने कहा कि मानव कोशिकाओं तक पहुंचने के लिए 'नियोकोव' वायरस को केवल म्यूटेशन यानी अपना रूप बदलने की आवश्यकता होगी। उन्होंने आगे चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न एंटीबॉडी और श्वसन रोगियों या कोरोना वैक्सीन के कारण पैदा हुए प्रोटीन अणु भी 'नियोकोव' वायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते हैं।
प्रत्येक तीन संक्रमितों में से हो सकती है एक की मौत
चीनी वैज्ञानिकों के अनुसार, 'नियोकोव' के पास वर्तमान में फैल रहे SARS-CoV-2 कोरोना वायरस और उसके अन्य वेरिएंट की तुलना में काफी अधिक संक्रमण दर और MERS-CoV की उच्च मृत्यु दर का संभावित संयोजन है। उन्होंने कहा कि 'नियोकोव' की मृत्यु दर लगभग 33 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि इस वायरस से संक्रमित होने वाले प्रत्येक तीन लोगों में से एक की मौत हो सकती है। ऐसे में यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।
"वायरस सीधे खतरों का अंदाजा लगाना है मुश्किल"
इस बीच, गामालेया सेंटर में जैव प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला के प्रमुख सर्गेई अल्खोवस्की ने कहा, "नियोकोव द्वारा उत्पन्न खतरे का अनुमान लगाना अभी बहुत मुश्किल है। यह एक गंभीर और चिंतित करने वाली खोज है, लेकिन इस विशेष वायरस के प्रत्यक्ष खतरे का अनुमान लगाने के लिए अभी शोध की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा, "हम कह सकते हैं कि वायरस के विभिन्न प्रकारों की भीड़ में इस वायरस का गहनता से अध्ययन जरूरी है।"
रूस के वैज्ञानिकों ने बताई अध्ययन की आवश्यकता
रूस के वायरोलॉजी व बॉयोटेक्नालॉजी विभाग ने वैज्ञानिकों ने कहा है कि फिलहाल 'नियोकोव' इंसानों में सक्रिय रूप से फैलने में सक्षम नहीं है। ऐसे में इसके इंसानों में फैलने की आशंका से चिंचित होने की जगह इसके जोखिम का अध्ययन करने की जरूरत है।
'नियोकोव' पर क्या है WHO की राय?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि इंसानों पर 'नियोकोव' के संभावित खतरे के बारे में अधिक जानने के लिए शोध की आवश्यकता है। WHO से जुड़े विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE), खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) हालात पर नजर रखे हुए हैं। WHO के मुताबिक, क्या नया वायरस मनुष्यों के लिए जोखिम पैदा करेगा, इसके लिए आगे बड़े अध्ययन की आवश्यकता होगी।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 2,51,209 नए मामले सामने आए और 627 मरीजों की मौत हुई। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 4,06,22,709 हो गई है। इनमें से 4,92,327 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह दुनियाभर में अब तक 36.56 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 56.36 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 7.34 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8.78 लाख लोगों की मौत हुई है।