एन्क्रिप्टेड व्हाट्सऐप मैसेज को इंटरसेप्ट करना चाहती है केंद्र सरकार, जानिए क्या है कारण
लगता है भारत में एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन के दिन अब खत्म होने वाले हैं। भारत सरकार अपने नए प्रस्ताव में दूरसंचार बिल का दायरा बढ़ाने वाली है, ताकि व्हाट्सऐप और सिग्नल जैसी ओवर-द-टॉप (OTT) ऐप्स को इसमें शामिल किया जा सके। यह विधेयक सरकार को बड़े अधिकार देता है। इसमें राष्ट्रीय और सार्वजनिक सुरक्षा के हित में लोगों के बीच मैसेज के आदान-प्रदान को रोकने की क्षमता भी शामिल है।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत के इस नए दूरसंचार मसौदा विधेयक को भी सार्वजनिक चर्चा के लिए रखा गया है, जिसमें इसके जरिए सरकार को और अधिक अधिकार मिलने की बात कही गई है। इसके अलावा एन्क्रिप्टेड मैसेज को इंटरसेप्ट करने पर विवाद खड़ा हो सकता है, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव इन मोबाइल ऐप्स पर पड़ेगा। इसी तरह इस प्रस्ताव को लोगों की स्वतंत्रता के हनन के रूप में भी देखा जा सकता है।
OTT संचार अब दूरसंचार सेवाओं में है शामिल
भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022 के तहत, दूरसंचार सेवाओं का अर्थ किसी भी प्रकार की संचार सेवाओं से हैं। इनमें इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं, इंटरनेट आधारित संचार सेवाएं, इन फ्लाइट और समुद्री कनेक्टिविटी सेवाएं, मशीन से मशीन संचार सेवा, OTT (ओवर-द-टॉप) आदि संचार सेवाएं शामिल है। यह नई परिभाषा व्हाट्सऐप और सिग्नल जैसी सेवाओं को शासन के दायरे में रखती है। सरकार के पास और भी सेवाओं को जोड़ने की शक्ति है।
विधेयक की धारा 24 से सरकार को मिलेंगे कई अधिकार
मसौदा विधेयक की धारा 24 सरकार को व्यापक अधिकार देती है। विधेयक की धारा 24 (2) के तहत किसी भी सार्वजनिक आपात स्थिति की घटना या सार्वजनिक सुरक्षा के हित में केंद्र या राज्य सरकारें या कोई अधिकृत अधिकारी निर्देश दे सकता है कि किसी भी संदेश या संदेशों के वर्ग को किसी भी दूरसंचार सेवाओं द्वारा प्रेषित या प्राप्त न किया जाए। बड़ी बात यह होगी कि ऐसे आदेश में नामित अधिकारी को इंटरसेप्ट या खुलासा नहीं किया जाएगा।
मैसेज को कब इंटरसेप्ट किया जा सकता है?
बिल में कहा गया है कि सरकार या अधिकृत अधिकारी मैसेजेस के प्रसारण को रोकने के लिए एक आदेश जारी कर सकते हैं यदि वे संतुष्ट हैं कि ऐसा करना आवश्यक या वाजिब है। भारत की संप्रभुता, अखंडता, या सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था या किसी अपराध को उकसाने जैसे हालातों में मैसेजेस को इंटरसेप्ट किया जा सकता है। ऐसा आदेश लिखित रूप में जारी किया जा सकता है।
एन्क्रिप्टेड मैसेजेस को यह कैसे प्रभावित करता है?
व्हाट्सऐप और सिग्नल जैसे इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म में उनके टेक्स्ट एन्क्रिप्टेड होते हैं, यानी सेंडर और रिसीवर के अलावा कोई भी उन्हें पढ़ या सुन नहीं सकता है। मसौदा विधेयक का प्रावधान केंद्र को इस एन्क्रिप्शन को बायपास करने, मैसेजेस को इंटरसेप्ट करने और इन प्लेटफार्मों पर कॉल करने देगा। कंपनियों को इसी तरह के सभी सरकारी आदेशों का पालन करना होगा। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।