
व्हाट्सऐप CEO ने एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स को दी चेतावनी, आप भी ना करें अनदेखा
क्या है खबर?
मेसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप के CEO विल कैथकार्ट की ओर से एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स को महत्वपूर्ण चेतावनी दी गई है।
उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक थ्रेड शेयर करते हुए लिखा है कि यूजर्स को व्हाट्सऐप के फेक या मॉडिफाइड वर्जन्स इस्तेमाल नहीं करने चाहिए।
विल ने लिखा है कि व्हाट्सऐप के फेक या मॉडिफाइड वर्जन डाउनलोड करना अच्छा नहीं है, ये ऐप्स भले ही सुरक्षित लगें, लेकिन मेसेजिंग ऐप के प्राइवेसी और सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन नहीं करतीं।
खतरा
मॉडिफाइड व्हाट्सऐप में मालवेयर का खतरा
व्हाट्सऐप के ढेरों मॉडिफाइड वर्जन्स थर्ड-पार्टी वेबसाइट्स और ऐप स्टोर्स से डाउनलोड किए जा सकते हैं, लेकिन वे सुरक्षित नहीं होते।
विल ने अपने ट्वीट थ्रेड में 'हे व्हाट्सऐप' (Hey Whatsapp) नाम की एंड्रॉयड ऐप का जिक्र भी किया।
उन्होंने बताया कि कंपनी के रिसर्चर्स को इस ऐप में खतरनाक मालवेयर छुपे होने की जानकारी मिली है।
यानी कि ऐसी ऐप्स के इस्तेमाल का मतलब प्राइवेसी ही नहीं, डिवाइस की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना है।
ट्वीट
व्हाट्सऐप CEO ने ट्वीट में क्या लिखा?
विल ने बताया कि फेक ऐप्स नए फीचर्स के नाम पर यूजर्स की पर्सनल जानकारी चुरा रही हैं।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'ये ऐप्स नए फीचर्स का वादा कर रही थीं, लेकिन फोन में स्टोर पर्सनल जानकारी चुराने से जुड़ा स्कैम थीं। हमने गूगल और मालिशियस ऐप्स के खिलाफ काम करने वाली टीम के साथ सामने आई जानकारी शेयर की है।'
अब एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर गूगल प्ले प्रोटेक्ट व्हाट्सऐप के मालिशियस फेक वर्जन्स को डिटेक्ट और डिसेबल कर सकता है।
कार्रवाई
मॉडिफाइड ऐप्स के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई
अपने ट्वीट में विल ने लिखा, 'हम ऐसी ऐप्स का पता लगाने और इन्हें ब्लॉक करने की कोशिशें आगे भी जारी रखेंगे। इसके अलावा हम हेमॉड्स के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे हैं, जिससे वे आगे यूजर्स को नुकसान ना पहुंचा सकें। हम हेमॉड्स और ऐसी अन्य ऐप्स के खिलाफ कानूनी विकल्प भी तलाशेंगे।'
उन्होंने लिखा, 'मोबाइल फोन मालवेयर हमारी कम्युनिटी की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं और इन्हें फैलने से रोका जाना चाहिए।'
चेतावनी
तुरंत बंद करें मॉडिफाइड व्हाट्सऐप का इस्तेमाल
अगर आप आधिकारिक व्हाट्सऐप के बजाय इससे मिलते-जुलते नाम वाली मॉडिफाइड ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो फौरन उसे डिलीट कर दें।
अगर आपके दोस्त या परिवार में कोई ऐसा करता है, तो उसे आधिकारिक ऐप इंस्टॉल करने की सलाह दें।
व्हाट्सऐप FAQ पेज पर बताया गया है कि ऐसी मॉडिफाइड ऐप्स का इस्तेमाल करने वालों के व्हाट्सऐप अकाउंट पर परमानेंट बैन लग सकता है।
इसके अलावा डाटा चोरी और प्राइवेसी से जुड़ा खतरा भी बना रहता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
क्या होती हैं मॉडिफाइड ऐप्स?
मॉडिफाइड ऐप्स को किसी ऐप के मूल कोड में बदलाव करते हुए तैयार किया जाता है।
इस तरह ये ऐप्स कुछ अतिरिक्त फीचर्स या प्रीमियम सब्सक्रिप्शन जैसे फायदे दे सकती हैं। यूजर्स इन अतिरिक्त फीचर्स के लालच में मॉडिफाइड ऐप्स इंस्टॉल करते हैं।
हालांकि, कोड में बदलाव करने के चलते ऐप का सुरक्षित होना तय नहीं किया जा सकता।
एंड्रॉयड यूजर्स को केवल गूगल प्ले स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है।