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केंद्र सरकार का आरोप, ट्विटर ने किया 'भारतीय संविधान का उल्लंघन'
सरकार की ओर से ट्विटर पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

केंद्र सरकार का आरोप, ट्विटर ने किया 'भारतीय संविधान का उल्लंघन'

May 10, 2022
01:56 pm

क्या है खबर?

भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों ट्विटर इंक. और मेटा के लिए कड़ा रुख अपनाया है और इनपर गंभीर आरोप लगे हैं। सरकार का कहना है कि प्लेटफॉर्म ने गलत ढंग से यूजर्स के अकाउंट्स ब्लॉक किए और ऐसा करते हुए भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। बता दें, ट्विटर की ओर से कम्युनिटी गाइडलाइन्स का हवाला देते हुए अक्सर अकाउंट्स और ट्वीट्स ब्लॉक किए जाते हैं। नया मामला भी ऐसे अकाउंट्स ब्लॉक किए जाने से जुड़ा है।

मामला

तीन साल पुराने मामले पर लगा आरोप

सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कोर्ट फाइलिंग में ट्विटर पर आरोप लगाया। मंत्रालय ने कहा है कि करीब तीन साल पहले वकील संजय हेगड़े का अकाउंट ब्लॉक करने का ट्विटर का फैसला भारतीय संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े नागरिक अधिकारों का हनन करता है। सरकार लगातार ट्विटर और मेटा दोनों पर भारतीय कानून का पालन करने का दबाव बना रही है और ऐसा ना करने की स्थिति में उनपर कार्रवाई की जाएगी।

फाइलिंग

अकाउंट ब्लॉक करने से पहले यूजर को मिले मौका

पिछले महीने एक और फाइलिंग में सरकार ने कहा था कि मेटा और ट्विटर को भारतीय कानून के हिसाब से कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार की मानें तो कानून के हिसाब से यूजर को अकाउंट ब्लॉक होने या उसकी पोस्ट हटाए जाने से पहले बचाव का मौका मिलना चाहिए। हालांकि, कुछ मामलों जैसे आतंकवाद या रेप की धमकियों को अपवाद माना गया है, जिनपर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए और इन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए।

कोशिश

तय की जाए सोशल प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी

सरकार ने इससे पहले साल 2019 की फाइलिंग में कहा था कि मामला ट्विटर और हेगड़े के बीच का है। अब सरकार इससे उलट हेगड़े का अकाउंट सस्पेंड होने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन मान रही है। दरअसल, लंबे वक्त से सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बीच खींचतान चल रही है और सरकार प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी तय करना चाहती है। यही वजह है कि मामले को लेकर सरकार का स्टैंड बदला है।

सेंसरशिप

टेक कंपनियों की सेंसरशिप पर फैसला

दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे कई मामलों के साथ टेक कंपनियों की सेंसरशिप पर फैसला होना है, जो तय करेगा कि 1.3 अरब से ज्यादा आबादी वाले देश में नागरिकों की अभिव्यक्ति को प्रभावित ना किया जाए। यह फैसला ऐसे वक्त में आ रहा है, जब कंटेंट मॉडरेशन पर सारी दुनिया का फोकस है और एलन मस्क ट्विटर खरीदकर प्लेटफॉर्म पर फ्री स्पीच को बढ़ावा देने की बात कह रहे हैं।

बचाव

अपना बचाव करती रही हैं सोशल मीडिया कंपनियां

सोशल मीडिया कंपनियों ने पिछले साल भारत में IT रूल्स, 2021 से जुड़े बदलाव किए हैं। हालांकि, कंटेंट मॉडरेशन से जुड़े सभी नियमों का पालन ठीक से करने को लेकर सरकार के साथ प्लेटफॉर्म्स का टकराव देखने को मिलता रहा है। कंपनियां सरकार की ओर से किए जाने वाले कुछ बदलावों को कोर्ट में चुनौती भी दे चुकी हैं और कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर कार्रवाई का अधिकार अपने पास रखना चाहती हैं।