मोबाइल चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार लाने जा रही है यह व्यवस्था
मोबाइल फोन चोरी की बढ़ती घटनाओं और क्लोनिंग के बढ़ते मामलों के बीच टेलीकॉम मंत्रालय एक नई व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। मंत्रालय मोबाइल के 15 अंको के यूनिक IMEI नंबर का डाटाबेस सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) शुरू कर रहा है। अगले कुछ सप्ताह में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके बाद जिन लोगों के फोन गुम या चोरी हुए हैं वो हेल्पलाइन पर फोन कर अपने डिवाइस को ब्लॉक करवा सकते हैं। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
शिकायत मिलने पर IMEI नंबर होगा ब्लॉक
यह व्यवस्था लागू होने के बाद ग्राहक को अपने गुम हुए या चोरी हुए फोन की पुलिस रिपोर्ट दर्ज करानी होगी। इसके बाद उसे टेलीक़ॉम विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर फोन करना होगा। विभाग चोरी हुए फोन का IMEI (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आईडेंटिटी) नंबर ब्लॉक कर देगा, जिससे उस डिवाइस पर भविष्य में कोई भी सेलुलर नेटवर्क काम नहीं करेगा। बता दें, भारत में मार्च, 2019 तक 116 करोड़ वायरलेस सब्सक्राइबर थे।
दो साल पहले शुरू हुई थी योजना
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, टेलीकॉम विभाग ने इस योजना को लागू करने की घोषणा जुलाई, 2017 में की थी, जिसके बाद महाराष्ट्र में एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया। विभाग के एक मेमोरेंडम में कहा गया था कि मोबाइल चोरी और क्लोनिंग की बढती घटनाएं गंभीर समस्या बनी हुई है। मोबाइल चोरी होना केवल आर्थिक नुकसान नहीं बल्कि व्यक्ति के जीवन और राष्ट्र सुरक्षा को भी खतरा है। देश में नकली IMEI नंबर के साथ कई फोन सक्रिय है।
बजट में हुए 15 करोड़ रुपये आवंटित
देश में IMEI नंबरों का रजिस्टर तैयार करने की योजना सबसे पहले 2012 की राष्ट्रीय टेलीकॉम नीति में बनी थी। पुणे में BSNL ने इसका पायलट प्रोजेक्ट चलाया था। 2019-20 के अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने CEIR प्रोजेक्ट के लिए 15 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। टेलीकॉम विभाग के इस विचार को GSM एसोसिएशन ने भी सराहा है। GSM एसोसिएशऩ मोबाइल ऑपरेटर, इक्विपमेंट मेकर्स, सॉफ्टवेयर और इंटरनेट कंपनी और टेलीकॉम सेक्टर में शामिल दूसरी कंपनियों की प्रतिनिधि संस्था है।
डाटाबेस में होंगी तीन लिस्ट
दुनिया के कई देशों में पहले से ऐसी व्यवस्था मौजूद है। विभाग के इस डाटाबेस में तीन लिस्ट में IMEI नंबर स्टोर किए जाएंगे। ये तीन लिस्ट व्हाइट, ग्रे और ब्लैक होगी। व्हाइट लिस्ट में मौजूद IMEI नंबरों को संचालन की अनुमति होगी। वहीं जिन IMEI को चोरी या गुम हुआ रिपोर्ट किया जा चुका है, उन्हें ब्लैकलिस्ट में शामिल किया जाएगा और उनके संचालन की अनुमति नहीं होगी। ग्रे लिस्ट में मौजूद नंबरों को निगरानी के तहत रखा जाएगा।