सरकारी कंपनी BSNL के कर्मचारियों को नहीं मिली अगस्त महीने की सैलरी, देशभर में किया प्रदर्शन
एक तरफ खबरें आ रही हैं कि सरकार भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को फिर से खड़ा करने की योजना बना रही है, वहीं इस सरकारी कंपनी के कर्मचारियों को अगस्त महीने की सैलरी नहीं मिली है। इस साल यह तीसरी बार है जब BSNL कर्मचारियों की सैलरी समय पर नहीं आई है। BSNL कर्मचारी संघ के महासचिव पी अभिमन्यु ने बताया कि मैनेजमेंट यह भी नहीं बता रहा है कि कर्मचारियों को उनकी सैलरी कब मिलेगी।
संघ ने की तुरंत सैलरी देने की मांग
अभिमन्यु ने कहा, "BSNL कर्मचारी संघ का यह साफ मानना है कि दूरसंचार विभाग और BSNL मैनेजमेंट समय पर सैलरी न देकर कर्मचारियों के बीच घबराहट और निराशा फैलाने का काम कर रहे हैं। वो उन्हें समय से पहले रिटायर होने पर मजबूर कर रहे हैं।" कर्मचारी संघ ने इसे लेकर मंगलवार को देशभर में प्रदर्शन किया था। संघ की मांग है कि कर्मचारियों को उनकी सैलरी तुरंत दी जानी चाहिए। तेलंगाना में लगभग हजारों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।
BSNL के राजस्व संग्रहण में आई कमी
BSNL कर्मचारी संघ का कहना है कि प्राइवेट कंपनियों के मुकाबले BSNL पर कर्ज काफी कम है। उन्होंने कंपनी के तरलता के संकट के पीछे राजस्व संग्रह में आई कमी को बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि जियो के कारण यह हालत बनी है। संघ ने बयान में बताया, "ऊपर लिखे कारणों के चलते BSNL का राजस्व संग्रह 32,000 करोड़ से घटकर 18,000 करोड़ रह गया है। सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई मजबूत कदम नहीं उठाए।"
कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को महीनों से नहीं मिली सैलरी
BSNL कैजुअल एंड कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स फेडरेशन की केरल यूनिट के प्रमुख के मोहनन ने बताया कि कंपनी के कर्मचारियों के साथ-साथ कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले वर्करों को भी कई महीनों से सैलरी नहीं मिली है। उन्होंने द न्यूज मिनट से कहा कि कॉन्ट्रैक्ट वर्कर पिछले 78 दिनों से अपनी सैलरी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें छह महीनों से सैलरी नहीं मिली है। अभी तक 2,000 से ज्यादा ऐसे वर्करों की नौकरियां जा चुकी है।
BSNL को बेलआउट पैकेज देगी सरकार
BSNL में फिलहाल कुल 1,65,179 लोग काम कर रहे हैं और इनकी लागत कंपनी के कुल राजस्व का 75 फीसदी हिस्सा है। BSNL फिलहाल लगभग 14,000 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही है। हाल ही में खबरें आई थीं कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसका महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) के साथ विलय से इनकार कर दिया था। इसके बाद सरकार BSNL को एक बेलआउट पैकेज देने की योजना बना रही है।