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क्या आप भी हुए हैं 'SMS बॉम्बिंग' का शिकार? जानें इस परेशानी से बचने का तरीका
SMS बॉम्बिंग अटैक में ढेरों मेसेज भेजकर यूजर्स को परेशान किया जाता है।

क्या आप भी हुए हैं 'SMS बॉम्बिंग' का शिकार? जानें इस परेशानी से बचने का तरीका

Jul 26, 2022
06:05 pm

क्या है खबर?

क्या आपके स्मार्टफोन पर कभी एकसाथ ढेरों मेसेजेस आए हैं, या फिर मेसेजेस ने परेशान किया है तो संभव है कि आप SMS बॉम्बिंग का शिकार हुए हों। ऐसे अटैक्स में यूजर के डिवाइस पर तय वक्त के अंदर ढेरों SMS मेसेज भेज दिए जाते हैं। इसके चलते यूजर परेशान तो होता ही है, उसके डिवाइस के काम करने का तरीका भी प्रभावित होता है। ऐसे कई मामले हाल ही में सामने आए हैं और इनसे बचा जा सकता है।

अटैक

स्पैम मेसेजेस रोकना आसान नहीं होता

कई यूजर्स को फ्लिपकार्ट, अपोलो, स्नैपडील और जोमैटो जैसी कंपनियों के नाम से सैकड़ों OTP मेसेजेस एकसाथ भेजे जा रहे हैं। ऐसे मेसेजेस आना बंद नहीं होते और लगातार परेशान करते रहते हैं। ढेरों मेसेजेस की वजह से कई बार डिवाइस तक हैंग करने लगती है और उसके काम करने के तरीके पर असर पड़ता है। इन स्पैम मेसेजेस को रोकना या ब्लॉक करना आसान नहीं होता और ये लंबे वक्त तक परेशान करते रहते हैं।

तरीका

आसानी से किए जा सकते हैं SMS बॉम्बिंग अटैक्स

SMS बॉम्बिंग अटैक्स या प्रैंक्स फ्रीवेयर और उनकी APK फाइल्स की मदद से किए जा सकते हैं, जिन्हें ऑनलाइन डाउनलोड करने का विकल्प मिलता है। SMSबॉम्बर, बॉम्बइटअप और TXTब्लास्ट ऐसी ही कुछ ऐप्स में शामिल हैं। इन SMS बॉम्बर टूल्स का का इस्तेमाल करना बेहद आसान होता है। यूजर्स को केवल मोबाइल नंबर और वैल्यू लिखनी होती है कि वह कितनी बार मेसेज भेजना चाहता है और सक्सेस का अलर्ट मिल जाता है।

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वजह

एक नंबर पर ऐसे पहुंचते हैं सैंकड़ों SMS मेसेज

SMS बॉम्बिंग टूल्स (ऐप्स या वेबसाइट्स) दूसरी कंपनियों की ओर से भेजे जाने वाले API पॉइंट्स का इस्तेमाल करती हैं, जिनकी मदद से यूजर्स को लॉगिन या पासवर्ड रीसेट से जुड़े OTPs भेजे जाते हैं। अटैकर इन APIs का फायदा उठाकर उनकी मदद से GET/POST रिक्वेस्ट करते हैं, जिसके बाद ऑटोमेटेड तरीके से OTP और दूसरे मेसेज भेजे जाते हैं। ऐसे ढेर सारे मेसेजेस ही SMS बॉम्बिंग अटैक्स के लिए जिम्मेदार होते हैं।

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परेशानी

टूल्स की अपनी कोई प्राइवेसी पॉलिसी नहीं

SMS बॉम्बिंग प्रैंक्स या अटैक्स से जुड़ी ऐप्स और वेबसाइट की अपनी कोई प्राइवेसी पॉलिसी या साफ नियम नहीं होते। इन्हें मजाक से जुड़े टूल्स कहा जाता है, लेकिन ये स्मार्टफोन यूजर्स को परेशान करने की वजह बन सकते हैं। किसी को निशाना बनाते हुए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐप्स बेशक कहें कि उनका इस्तेमाल अनुमति लेने के बाद परिवार के लोगों और दोस्तों के साथ करना चाहिए, लेकिन इन्हें मॉनीटर करने का कोई तरीका नहीं है।

बचाव

यह है खुद को SMS बॉम्बिंग अटैक्स से बचाने का तरीका

खुद को SMS बॉम्बिंग से बचाने के लिए अपने नंबर को इन वेबसाइट्स और ऐप्स की प्रोटेक्शन लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा यूजर्स एंटी-SMS बॉम्बर्स भी आजमा सकते हैं, जिन टूल्स का काम किसी एक सेंडर की ओर से तीन से ज्यादा मेसेजेस आने की स्थिति में उसे ब्लॉक करना होता है। यूजर्स को जिस कंपनी से ढेरों मेसेजेस आ रहे हों, उनकी सुरक्षा टीम को भी रिपोर्ट किया जा सकता है।

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