इंदौर: मकान मालिक ने सिर्फ 1 रुपये में सौंप दिया किरायेदारों को अपना मकान, जानिए कारण
कई बार मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच हुए झगड़ों की खबरें आती रहती हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर से इससे बिल्कुल उलट मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां पर मकान मालिक ने अपने 4 किरायेदारों को 200 साल पुराने पुश्तैनी मकान को मात्र 1 रुपये में सौंप दिया। मकान मालिक की इस दरियादिली के बारे में सभी लोग खुश हो रहे हैं। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है मामला?
यह पूरा मामला इंदौर के वार्ड नंबर 47 में मालवा मिल चौराहे के पास गोमा की स्पील का है। यहां गुप्ता परिवार का लगभग 1,000 स्क्वेयर फीट में मकान बना हुआ है। इसमें चार परिवार कई सालों से किराये पर रहते हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले तेज बारिश के कारण मकान का एक हिस्सा अचानक गिर गया था। इसके कारण नगर निगम ने चारों परिवारों को मकान खाली करने का नोटिस जारी किया था।
पार्षद ने मकान मालिक से किया संपर्क
जानकारी के मुताबिक, चारों किरायेदारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वे किराया भी नहीं दे पा रहे थे। ऐसे में उनके पास मकान खाली करके कहीं और जाने की कोई जगह नहीं थी। चारों परिवारों के सिर पर छत का संकट होने की वजह से वे बहुत परेशान थे। मदद के लिए उन्होंने स्थानीय पार्षद नंदकिशोर पहाड़िया से संपर्क किया। इसके बाद पार्षद ने मकान मालिक गुप्ता परिवार से संपर्क किया।
मदद के लिए राजी हो गया गुप्ता परिवार
पुश्तैनी मकान होने के कारण यह गुप्ता परिवार के 4 भाइयों गोविंद, विजय, सत्यनारायण और दिनेश के नाम था। पार्षद ने चारों भाइयों को किरायेदारों की मदद करने के लिए राजी किया। इसके बाद चारों भाइयों ने 1 रुपये में जमीन का पट्टा किरायेदारों के नाम करने का फैसला किया। दिनेश ने कहा, "हमने गरीबी देखी है, इसलिए हम समझते हैं कि गरीबी क्या होती है। अब सभी किरायेदारों के चेहरे पर खुशी है। यही हमारे लिए अच्छी बात है।"
गुप्ता परिवार को सम्मानित करने के लिए रखा गया कार्यक्रम
किरायेदारों को 1 रुपये में जमीन का पट्टा दिए जाने की बात जब पार्षद ने स्थानीय विधायक महेंद्र हार्डिया को बताई तो उन्होंने गुप्ता परिवार को सम्मानित करने का फैसला किया। इसके लिए गोमा की फैल में स्थित एक धर्मशाला में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में खुद विधायक ने गुप्ता परिवार के पैतृक मकान का कब्जा चारों किरायेदारों रणछोड़ सेठिया, रमेश वर्मा, सुनीता जेतरवाल और लीलाबाई को लिखित रूप में सौंप दिया।
2 किरायेदारों ने शुरू किया मकान बनवाने का काम
चारों किरायेदारों में से सुनीता और रमेश की आर्थिक हालत ज्यादा खराब है, इसलिए उन दोनों के लिए नया मकान बनाना संभव नहीं है। रणछोड़ और लीलाबाई ने परिवार के अन्य सदस्यों की मदद से मकान बनवाने का काम शुरू कर दिया है।