दिल्ली: भाजपा ने क्यों काटा 7 में से 6 सांसदों का टिकट, मनोज तिवारी क्यों बचे?
क्या है खबर?
केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की 2 सूची जारी कर चुकी है।
इनमें दिल्ली की सभी 7 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया है। पार्टी ने यहां 6 सांसदों का टिकट काटकर सबको चौंका दिया है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी एकमात्र ऐसे सांसद हैं, जिन्हें पार्टी ने फिर मौका दिया है।
आइए जानते हैं कि भाजपा ने इन सांसदों के टिकट क्यों काटे हैं और तिवारी क्यों बच गए।
उम्मीदवार
सबसे पहले जानें किसके किट कटे और किसे मिला मौका
भाजपा ने नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी, दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा, पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के सांसद हंसरास हंस और चांदनी चौक के सांसद हर्षवर्धन सिंह का टिकट काटा है।
नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज, दक्षिणी दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली से कमलजीत सहरावत, पूर्वी दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से योगेंद्र चंदोलिया और चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल को टिकट दिया गया है।
#1
सत्ता विरोधी लहर और कार्यकर्ताओं की नाराजगी
6 सांसदों के टिकट कटने के पीछे उनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर और कार्यकर्ताओं की नाराजगी एक अहम वजह रही। कार्यकर्ता उनके कामकाज से संतुष्ट नहीं थे।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ये सांसद न तो अपने क्षेत्र में सक्रिय रहते थे और न ही उनके कार्य कराते थे। सांसद कार्यकर्ताओं के बीच भी बेहद कम जाते थे।
इन कारणों से कार्यकर्ता सांसदों से नाराज थे, जिसकी खबर शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच गई।
#2
भड़काऊ बयानबाजी
कामकाज और कार्यकर्ताओं की नाराजगी के अलावा प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी का टिकट कटने की एक वजह उनकी भड़काऊ बयानबाजी भी मानी जा रही है, जिसकी वजह से भाजपा को आलोचना का सामना करना पड़ा था।
वर्मा ने दिल्ली में कई मौकों पर मुस्लिम विरोधी बयानबाजी की है। दूसरी तरफ बिधूड़ी ने तो संसद के अंदर ही मुस्लिम सांसद दानिश अली पर नस्लीय टिप्पणी कर डाली थी।
उनकी टिकट काट पार्टी ने एक संदेश देने की कोशिश की है।
#3
केजरीवाल सरकार के खिलाफ जमीन पर उतरकर नहीं लड़ना
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली सरकार के खिलाफ मजबूती से लड़ाई न लड़ना भी भाजपा सांसदों के टिकट कटने की बड़ी वजह रही।
भाजपा का मानना है कि ये सांसद केजरीवाल सरकार के खिलाफ मुद्दों को सही तरीके से जनता तक नहीं लेकर गए और ऐसे कई मुद्दों पर अच्छे से नहीं उठाया, जिन पर AAP को घेरा जा सकता था।
इसके अलावा वे केजरीवाल सरकार के खिलाफ सड़कों पर भी नहीं उतरे।
#4
दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार
भाजपा 15 साल से दिल्ली नगर निगम (MCD) की सत्ता पर काबिज थी, लेकिन 2022 में हुए हालिया चुनाव में उसे दिल्ली की सत्ता पर काबिज AAP के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
दिल्ली के 7 भाजपा सांसदों में से 5 सांसदों के इलाकों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशानजक रहा। उनके टिकट कटने का एक कारण यह भी रहा।
केवल मनोज तिवारी और गौतम गंभीर के संसदीय क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन ठीक रहा।
#5
अच्छे प्रदर्शन के बावजूद गौतम गंभीर का टिकट कटने की रही ये वजह
गौतम गंभीर का अपने संसदीय क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन रहा था, लेकिन इसके बावजूद उनका टिकट कटना चौंकाने वाला निर्णय रहा।
दरअसल, गंभीर राजनीति से ज्यादा क्रिकेट कॉमेंट्री में ज्यादा व्यस्त रहते थे। इस कारण कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं में उनके खिलाफ जबरदस्त नाराजगी थी।
इसके अलावा गंभीर केजरीवाल सरकार के खिलाफ ट्विटर पर तो खूब सक्रिय रहे, लेकिन उन्होंने जमीन पर उतरकर विरोध नहीं किया। ये बात भी उनके खिलाफ गई।
#6
कांग्रेस और AAP का गठबंधन
भाजपा के 6 सांसदों का टिकट काटने की एक बड़ी वजह दिल्ली में कांग्रेस और AAP का गठबंधन भी है।
भले ही सार्वजनिक तौर पर पार्टी ने इस गठबंधन को कमतर आंकने की कोशिश की हो, लेकिन अंदरखाने उसे पता है कि ये उसका खेल भी बिगाड़ सकता है।
अभी तक यहां भाजपा को उसके विरोधी वोटों के AAP और कांग्रेस के बीच बंटने का फायदा होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसी कारण वो ज्यादा सतर्क है।
आंकड़े
क्या कहते हैं आंकड़े?
2019 लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा AAP-कांग्रेस गठबंधन पर भारी पड़ती है, लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव के आंकड़े उसके लिए चिंता पैदा करने वाले हैं।
2014 में AAP को 33 प्रतिशत और कांग्रेस को 15 प्रतिशत वोट मिले थे, जो मिलाकर (48 प्रतिशत) भाजपा के 46 प्रतिशत वोटों से अधिक थे।
भाजपा को पता है कि AAP-कांग्रेस का 2014 का प्रदर्शन दोहराना अप्रत्याशित नहीं होगा, इसलिए उन सांसदों के टिकट काट दिए, जिनके प्रति थोड़ी सी भी नाराजगी है।
अच्छा प्रदर्शन
मनोज तिवारी का टिकट क्यों नहीं कटा?
अब सवाल उठता है कि भाजपा ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद और भोजपुरी सुपरस्टार मनोज तिवारी का टिकट क्यों नहीं काटा?
दरअसल, ऊपर टिकट कटने की जो भी वजहें बताई गई हैं, वे तिवारी पर फिट नहीं बैठती। उन्होंने जमीन पर उतरकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ आंदोलन किया और कार्यकर्ताओं के बीच भी रहे।
इसके अलावा दिल्ली में बिहार और पूर्वांचल की एक बड़ी आबादी है, जिन पर तिवारी की अच्छी पकड़ है। ये भी उनके पक्ष में गया।