#NewsBytesExplainer: ब्राजील और इजरायल में क्यों पैदा हुआ बड़ा राजनयिक विवाद?
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने सोमवार को इजरायल से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और इजरायली राजदूत को तलब किया। इससे पहले ब्राजील के राष्ट्रपति की एक विवादित टिप्पणी पर इजरायल ने उन्हें 'यहूदी विरोधी' कहा था, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव पैदा हो गया। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और ब्राजील के राष्ट्रपति की किस टिप्पणी से ये विवाद पैदा हुआ है।
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
दरअसल, इजरायल-हमास युद्ध के कारण गाजा पट्टी में हजारों की संख्या में आम लोगों की मौत हो चुकी है और युद्ध अब भी जारी है। इसी कारण ब्राजील के राष्ट्रपति डा सिल्वा ने गाजा में इजरायल के अभियान की तुलना होलोकॉस्ट (यहूदियों के नरसंहार) से कर दी थी। इस बयान पर इजरायल ने कड़ी आपत्ति जताई और उनके बयान को यहूदी विरोधी बताया। ब्राजील के मुख्य यहूदी संगठन ने भी इस बयान की आलोचना की है।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने क्या कहा था?
ब्राजील के राष्ट्रपति सिल्वा ने कहा था, "फिलिस्तीनी लोगों के साथ गाजा पट्टी में जो हो रहा है, वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ। असल में ऐसा तब हुआ था, जब हिटलर ने यहूदियों को मारा था।" दरअसल, जर्मनी में हिटलर ने यहूदियों का जनसंहार किया था। इसके बाद ही इजरायल में यहूदियों को बसाया गया था। एक अनुमान के मुताबिक, हिटलर के नाजी शासन में 1930 से 1940 के दौरान 60 लाख यहूदी मारे गए थे।
इजरायल ने लूला की टिप्पणी पर क्या कार्रवाई की?
लूला की टिप्पणी पर इजरायल ने कड़ी आपत्ति जताई और ब्राजील के राजदूत फ्रेडरिको मेयर को तलब किया। इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा, "ये गंभीर यहूदी विरोधी हमला है। मेरे और इजरायल के नागरिकों की तरफ से जाकर राष्ट्रपति लूला को बता दीजिए कि जब तक वो अपने शब्द वापस नहीं लेंगे, तब तक उन्हें इजरायल में प्रवेश नहीं मिलेगा।" इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लूला की टिप्पणियों को 'अपमानजनक और गंभीर' बताया है।
इजरायल की कार्रवाई पर ब्राजील ने क्या प्रतिक्रिया दी?
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने इजरायल से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है और इजरायली राजदूत को तलब किया है। ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने बताया कि जेरूसलम में राजदूत मेयर को अपमानित करने के कुछ घंटों बाद इजरायली राजदूत डैनियल जोनशाइन को फटकार लगाने के लिए बुलाया गया। एक राजनयिक सूत्र के अनुसार, ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा और जोनशाइन के बीच 'गंभीर' बातचीत हुई।
क्या ब्राजील ने इजरायल से राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं?
हालांकि, ब्राजील ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि लूला द्वारा अपने दूत को वापस बुलाना राजनयिक संबंधों में स्थाई दरार का प्रतिनिधित्व नहीं करता है क्योंकि इजरायल में ब्राजील का दूतावास खुला रहेगा। हालांकि, दोनों देशों के बीच यह विवाद इजरायल और उन देशों के बीच बढ़ती दरार को उजागर करता है, जो गाजा में इसकी सैन्य कार्रवाई का समर्थन करने के अनिच्छुक हैं। ऐसे देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इजरायल पर दबाव बढ़ रहा है।
ब्राजील ने इजरायल के खिलाफ केस का भी किया है समर्थन
लूला ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ( ICJ) में दक्षिण अफ्रीका के केस का भी समर्थन किया है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल पर गाजा पट्टी में जनसंहार करने का आरोप लगाया है। इसी हफ्ते ICJ इस मामले पर सुनवाई शुरू करने वाला है। हालांकि, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किये गए हमले की लूला ने निंदा की थी, लेकिन इजरायल की जवाबी कार्रवाई के बाद से वह अपने ही देश में घिरने लगे हैं।
गाजा पट्टी में अब तक मारे गए 29,000 से अधिक फिलिस्तीनी
गाजा पट्टी के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 29,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। यह हाल के इतिहास में सबसे घातक और सबसे विनाशकारी सैन्य अभियानों में से एक है।