
जगदीप धनखड़ के बाद कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति? NDA ने तलाश शुरू की
क्या है खबर?
जगदीप धनखड़ के भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद अब उनके उत्तराधिकारी की दौड़ शुरू हो गई है। अगले 60 दिन के अंदर भारत को नया उपराष्ट्रपति दिया जाना है, ऐसे में भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से नए उम्मीदवार की तलाश शुरू हो गई है। विपक्ष का INDIA गठबंधन भी अगले कुछ दिनों में बैठक करके संभावित नामों पर विचार करेगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव
धनखड़ की तरह राज्यपाल के नाम पर लगेगी मुहर?
NDA ने अभी तक आधिकारिक तौर पर उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी नाम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन इस बार यह पद भाजपा अपने पास या किसी गठबंधन को दे सकती है। भाजपा के संभावित उम्मीदवारों में उनके राज्यपाल हैं, जैसे धनखड़ खुद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। अब इसमें आरिफ मोहम्मद खान और आनंदी बेन पटेल जैसे मजबूत नेता है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने संकेत दिया कि पार्टी संभवतः एक ठोस और गैर-विवादास्पद उम्मीदवार का चयन करेगी।
चुनाव
गठबंधन के नेताओं को भी मिल सकती है जिम्मेदारी
भाजपा ने पहली बार अपने सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पुसापति अशोक गजपति राजू को गोवा का राज्यपाल बनाया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि भाजपा राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, कांग्रेस से आए कैप्टन अमरिंदर सिंह और डी पुरंदेश्वरी को आगे कर सकती है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता हरिवंश 2020 से उपसभापति हैं और सभी दलों की पसंद हैं।
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भाजपा के अंदर इन नामों की चर्चा
सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि भाजपा आदिवासी राष्ट्रपति के बाद अनूसूचित जाति या अल्पसंख्यकों में से किसी को उपराष्ट्रपति की दौड़ में आगे कर सकता है। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का भी नाम चल रहा है, जो भाजपा के वरिष्ठ अल्पसंख्यक नेता हैं। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी जल्द ही पद छोड़ने वाले हैं, ऐसे में उनका नाम भी चर्चा में है।
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60 दिन में होना है उपराष्ट्रपति का चयन
उपराष्ट्रपति का चुनाव 60 दिन के अंदर होना है, ऐसे में अगला उपराष्ट्रपति 19 सितंबर, 2025 तक मिल जाएगा। सांसद गुप्त मतदान करेंगे। इस चुनाव में एकल संक्रमणीय मत के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली का उपयोग होता है। चुनाव में केवल लोकसभा, राज्यसभा के सांसद और मनोनीत सदस्य मतदान कर सकते हैं। धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद मंगलवार से हरिवंश कार्यवाहक राज्यसभा सभापति के रूप में संसद की कार्यवाही देखेंगे। चुनाव आयोग जल्द चुनाव तारीख का ऐलान करेगा।