
मणिपुर में भाजपा फिलहाल नहीं करेगी सरकार गठन, जारी रहेगा राष्ट्रपति शासन- रिपोर्ट
क्या है खबर?
हिंसा से जूझ रहे मणिपुर से खबर आई थी कि कुछ विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें भाजपा के विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने साथ 44 विधायकों का समर्थन होने की बात कही है।
हालांकि, अब इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भाजपा राज्य में सरकार बनाने की जल्दी में नहीं है और फिलहाल मणिपुर में राष्ट्रपति शासन ही जारी रहेगा।
रिपोर्ट
रिपोर्ट में दावा- जल्द नहीं हटेगा राष्ट्रपति शासन
रिपोर्ट में केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन को जल्द हटाए जाने की संभावना नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र और मणिपुर दोनों के लिए फिलहाल प्राथमिकता सरकार का गठन नहीं, बल्कि शांति स्थापना है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार बनाने के लिए शुरू की गई कोई भी राजनीतिक हलचल शांति प्रक्रिया को पटरी से उतार सकती है, क्योंकि राज्य में हाल-फिलहाल में फिर हिंसा के मामले सामने आए हैं।
बयान
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नहीं चाहता सरकार गठन- सूत्र
इंडियन एक्सप्रेस से एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "न भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व और न केंद्र सरकार अभी सरकार गठन चाहती है। इसकी संभावना बहुत कम है।"
वहीं, एक विधायक ने कहा, "भाजपा में अनुशासन की संस्कृति है। केंद्रीय नेतृत्व तय करता है कि पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा। हमें उसका पालन करना होगा।"
एक अन्य पदाधिकारी ने कहा, "उम्मीद है कि शीर्ष नेतृत्व हस्तक्षेप कर विधायकों से बात करेगा। नेतृत्व विधायकों की हताशा को समझता है।"
चुनौतियां
सरकार गठन में मुख्यमंत्री समेत कई चुनौतियां
एक भाजपा नेता ने कहा, "इसकी कम गारंटी है कि विधायक अपने मतभेदों को अलग रख पाएंगे, खासकर जातीय विभाजन को देखते हुए।"
एक सूत्र ने कहा, "पहली बाधा मुख्यमंत्री का चयन होगा। दूसरी बाधा एन बीरेन सिंह होंगे, जिनके कार्यकाल में संघर्ष शुरू हुआ था। वे राष्ट्रपति शासन लागू होने तक पद पर रहे, जबकि उनका विरोध हो रहा था। कुकियों की मांग है कि बीरेन को बाहर रखा जाए तो उनकी भागीदारी से सरकार कैसे बना सकते हैं?"
मुलाकात
राज्यपाल से मिले 10 विधायक
आज मणिपुर में 10 विधायकों ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें भाजपा के 8, नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) का एक और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
इन्होंने दावा किया है इनके पास 44 विधायकों का समर्थन है।
निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह ने कहा, "हम राज्यपाल से अपील कर रहे हैं कि हम एक लोकप्रिय सरकार चाहते हैं। हमने राज्यपाल को एक कागज भी दिया है, जिस पर हस्ताक्षर हैं।"
शासन
मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई, 2023 से हिंसा जारी है। इस हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, 1,500 से ज्यादा घायल हुए हैं और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
हिंसा नहीं रोक पाने के दबाव के चलते 9 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।