
मणिपुर: सरकार गठन के लिए राज्यपाल से मिले 10 विधायक, 22 विधायकों के समर्थन का दावा
क्या है खबर?
मणिपुर में हिंसा के बीच सरकार गठन की कवायद तेज हो गई है।
यहां 10 विधायकों ने राजधानी इंफाल में राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें 8 विधायक भाजपा, एक नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और एक निर्दलीय हैं।
इन सभी ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर दावा किया है कि उनके पास 22 विधायकों का समर्थन है।
बयान
निर्दलीय विधायक बोले- लोकप्रिय सरकार का गठन चाहते हैं
निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह ने कहा, "हम राज्यपाल से अपील कर रहे हैं कि हम एक लोकप्रिय सरकार चाहते हैं। हमने राज्यपाल को एक कागज भी दिया है, जिस पर हमने हस्ताक्षर किए हैं। मणिपुर में सभी NDA विधायक एक लोकप्रिय सरकार बनाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। हम जनता का समर्थन भी चाहते हैं। हमने जो कागज दिया है उस पर करीब 22 लोगों के हस्ताक्षर हैं। राज्यपाल से मिलने के लिए 10 विधायक यहां आए हैं।"
पत्र
21 विधायकों ने गृह मंत्री को लिखा था पत्र
इससे पहले 21 विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए 'लोकप्रिय सरकार' बनाने का आग्रह किया गया था।
इस पत्र पर भाजपा के 13, NPP और नगा पीपुल्स फ्रंट (NFP) के 3-3 और 2 निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर थे।
वहीं, मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष केइशम मेघचंद्र सिंह ने कहा, "पिछले 2 वर्षों से अधिक समय से डबल इंजन वाली सरकारें पूरी तरह विफल रही हैं।"
भाजपा
भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक
मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 31 है।
फिलहाल यहां भाजपा के 37 विधायक हैं। वहीं, NDA के पास कुल 42 विधायक हैं। इसमें नेशनल पीपल्स फ्रंट (NPF) के 5 विधायक शामिल हैं।
पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को 31, NPP को 7, NPF और कांग्रेस को 5-5, जनता दल यूनाइटेड को 6 और अन्य को 5 सीटें मिली थीं।
बाद में JDU के 5 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।
राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में फिलहाल लागू है राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई, 2023 से हिंसा जारी है। इस हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, 1,500 से ज्यादा घायल हुए हैं और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
हिंसा नहीं रोक पाने के दबाव के चलते 9 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 13 फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।