बिहार की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने वाले सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा कौन हैं?
बिहार में राजनीति में रविवार को बड़ा उलटफेर हुआ। विपक्षी खेमे से पलटी मारकर नीतीश कुमार ने भाजपा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होकर नई सरकार बना ली। राज्य की नई NDA सरकार में नीतीश ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उनके साथ भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। आइए जानते हैं कि बिहार भाजपा के नेता चौधरी और सिन्हा कौन हैं।
कौन हैं बिहार के नए उपमुख्यमंत्री चौधरी?
1968 को जन्मे चौधरी अभी बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। इनके पिता शकुनी चौधरी सांसद और मंत्री रह चुके हैं। राजनीति इन्हें विरासत में मिली है। चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वह पहली बार 1999 में राबड़ी सरकार में मंत्री बने। वह 2000 और 2010 में वो परबत्ता सीट से विधायक चुने गए। 2014 में वह जीतन राम मांझी की सरकार और 2020 में नीतीश सरकार में भी मंत्री रहे हैं।
2017 में भाजपा में शामिल हुए थे चौधरी
चौधरी 6 साल पहले यानी 2017 में RJD छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें 2018 में भाजपा ने बिहार का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। वह भाजपा में शामिल होने से पहले कुछ समय JDU से भी जुड़े रहे। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें NDA का स्टार प्रचारक बनाया गया था। 27 मार्च, 2023 में चौधरी को बिहार भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वह बिहार विधानसभा में भाजपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं।
कौन हैं बिहार के नए उपमुख्यमंत्री सिन्हा?
सिन्हा का जन्म 1967 में पटना के बेढ़ना में हुआ था। वह बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से स्वयंसेवक के रूप में जुड़े थे। 1983 में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर छात्र राजनीति में कदम रखा। 1985 में राजकीय पॉलीटेक्निक मुजफ्फरपुर छात्र संघ के अध्यक्ष बने। 1990 में उन्हें राजेन्द्र नगर मंडल पटना महानगर भाजपा में उपाध्यक्ष बनाया गया। 2005 में पहली बार लखीसराय सीट से सिन्हा ने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
बिहार विधानसभा के स्पीकर रहे चुके हैं सिन्हा
सिन्हा 2010 से विधानसभा चुनाव के बाद लगातार 3 बार लखीसराय सीट से विधायक रहे। 2017 में राज्य की NDA सरकार में नीतीश मंत्रिमंजल में सिन्हा को श्रम संसाधन मंत्री की जिम्मेदार संभाल चुके हैं। 2020 चुनाव के बाद भाजपा ने उन्हें बिहार विधानसभा का स्पीकर बनाया था। उन्हें बेगूसराय का प्रभारी मंत्री भी चुना गया। उनकी छवि हमेशा से पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर रही है। वह पार्टी संगठन में कई जिम्मेदारियां बखूबी संभाल चुके हैं।
क्यों भाजपा ने चौधरी और सिन्हा को बनाया उपमुख्यमंत्री?
बिहार में चौधरी और सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है। चौधरी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का बड़ा चेहरा हैं। उन्हें तवज्जो देकर भाजपा ने राज्य में लव (कुर्मी) और कुश (कुशवाहा) वोटबैंक को साधने का प्रयास किया है। दूसरी तरफ सिन्हा भी भूमिहर समुदाय से आते हैं, जो बिहार में अगड़ी जातियों में गिना जाता है। उन्हें तवज्जो देकर भाजपा ने अगड़ी जातियों के वोटबैंक को भी एकजुट करने की कोशिश की है।