
बिहार: JDU और भाजपा के बीच तकरार बढ़ी, नीतीश कुमार ने मंगलवार को बुलाई महत्वपूर्ण बैठक
क्या है खबर?
बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) और उसकी सहयोगी भाजपा के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और दोनों पार्टियों के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही है।
इस तकरार के बीच मुख्यमंत्री नीतीश ने मंगलवार को अपनी पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है। अटकलें हैं कि इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है जिसके बाद उनका भाजपा से टकराव और बढ़ सकता है।
टकराव
इन मुद्दों पर भाजपा को झटका दे चुकी है JDU
रविवार को ही JDU ने केंद्र सरकार में शामिल न होने का ऐलान किया था। रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) के पार्टी से इस्तीफे के बाद JDU ने यह घोषणा की थी। अब तक वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल JDU के एकमात्र मंत्री थे, लेकिन भाजपा के साथ नजदीकी के कारण इस बार उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया।
इसके अलावा नीतीश 17 जुलाई के बाद केंद्र सरकार की चार बैठकों से दूरी बना चुके हैं और इनमें शामिल नहीं हुए।
निशाना
रविवार को JDU ने साधा था भाजपा पर निशाना
रविवार को केंद्र सरकार में शामिल न होने का ऐलान करते हुए JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने इशारों-इशारों में भाजपा पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था, "नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश हुई थी और इसलिए (विधानसभा चुनाव में) हम केवल 43 सीटें जीते। 2020 में चिराग पासवान के नाम का एक मॉडल आया। अब एक और मॉडल तैयार किया जा रहा है। ये नीतीश कुमार की छवि को खराब करने की साजिश है।"
कारण
क्यों भाजपा से नाराज हैं नीतीश कुमार?
भाजपा से नीतीश की नाराजगी के कई कारण हैं। दरअसल, 2020 विधानसभा चुनाव से ही दोनों पार्टियों के रिश्ते सहज नहीं चल रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा ने चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के जरिए नीतीश की JDU को कमजोर करने का काम किया था।
नीतीश ने इसके लिए भाजपा को माफ नहीं किया है और समय-समय पर अलग-अलग मुद्दों पर उससे बदला लेते रहते हैं। इसी से दोनों पार्टियों का टकराव पैदा होता है।
अन्य वजह
स्पीकर से भी नाराज हैं नीतीश
नीतीश भाजपा से संबंध रखने वाले बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार सिन्हा से भी काफी नाराज हैं। नीतीश कई बार सिन्हा पर आपा खो चुके हैं और उन पर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करके संविधान का खुलेआम उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
विधानसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से संबंधित स्पीकर के आमंत्रण पत्र पर नीतीश का नाम नहीं होने से भी स्थिति खराब हुई है।
नीतीश स्पीकर पद से सिन्हा की बर्खास्तगी चाहते हैं।