बिहार: नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 8वीं बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, तेजस्वी बने उपमुख्यमंत्री
क्या है खबर?
बिहार में पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक के बाद जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रमुख नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ सरकार बनाते हुए बुधवार दोपहर राजभवन में आयोजित समारोह में रिकॉर्ड आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
इसी तरह महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख तेजस्वी यादव ने 2015 के बाद दूसरी बार उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
दोनों नेताओं को राज्यपाल फागु चौहान ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
बयान
नई सरकार से बहुत खुश है प्रदेश की जनता- नीतीश
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश ने कहा कि नई सरकार से बिहार की जनता बहुत खुश हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में JDU के साथ गलत व्यवहार हुआ। उनकी पार्टी के विधायक बोलते रहे कि भाजपा का साथ छोड़ देना चाहिए। आखिरकार उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया।
उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जाएगा, लेकिन अब वह भी विपक्ष में आ गए हैं। विपक्ष और मजबूत होगा।
जवाब
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर क्या बोले नीतीश?
नीतीश ने कहा 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियां पहले की तुलना में और अधिक मजबूत और एकजुट होंगी। भाजपा ने 2014 में जैसा प्रदर्शन किया था, वो 2024 में उसे बरकरार नहीं रख पाएगी।
उन्होंने 2024 में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होने के सवाल पर कहा कि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है और उनकी ऐसी कोई मंशा भी नहीं है। इसके साथ उनके पक्ष में नारे लगना शुरू हो गया।
इस्तीफा
नीतीश ने मंगलवार को दिया था मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
इससे पहले मंगलवार को नीतीश कुमार ने अपने विधायकों और सांसदों के साथ बैठक कर भाजपा के चल रहे मनमुटावों पर चर्चा की।
इस पर पार्टी और उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया था। उसके बाद उन्होंने शाम करीब 03:45 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर NDA के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ बहुत सारी दिक्कतें थी। ऐसे में उन्होंने अलग होने का निर्णय किया है।
नेता
नीतीश को चुना गया था महगठबंधन का नेता
नीतीश ने इस्तीफा सौंपने के बाद तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। उसके बाद दोनों नेता एकसाथ घर से बाहर आए और फिर मुख्यमंत्री आवास के लिए निकल गए।
कुछ ही देर में RJD, लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक भी वहां पहुंच गए। वहां नए गठबंधन के विधायक दलों की बैठक हुई, जिसमें नीतीश को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया।
बाद में नीतीश ने राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
जानकारी
महागठबंधन में है सात पार्टियां और एक निर्दलीय
नीतीश कुमार ने सरकार बनाने का दावा करने के साथ महागठबंधन में सात पार्टियों और एक निर्दलीय सहित कुल 164 विधायकों के समर्थन की बात कही थी। महागठबंधन में JDU और RJD के साथ कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां भी शामिल हैं।
वापसी
पांच साल बाद महागठबंधन में वापस आए नीतीश
बता दें कि नीतीश कुमार ने पांच साल बाद महागठबंधन में वापसी की है। उन्होंने 2015 बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन के साथ लड़ा था, लेकिन तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद वह 2017 में महागठबंधन से बाहर निकल गए और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली।
अब उन्होंने इसका ठीक उल्टा किया है और 2020 विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ने के बाद अब उससे गठबंधन तोड़ महागठबंधन के साथ सरकार बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री
रिकॉर्ड आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश
नीतीश ने यह आठवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।
इससे पहले वह 3 मार्च, 2000 से 10 मार्च, 2000 तक, 24 नवंबर, 2005 से 24 नवंबर, 2010 तक, 26 नवंबर, 2010 से 17 मई, 2014 तक, 22 फरवरी, 2015 से 19 नवंबर, 2015 तक, 20 नवंबर, 2015 से 26 जुलाई, 2017 तक, 27 जुलाई, 2017 से 24 नवंबर, 2020 तक और 26 नवंबर, 2020 से 9 अगस्त, 2022 तक प्रदेश की कमान संभाल चुके हैं।
कारण
नीतीश ने भाजपा से गठबंधन क्यों तोड़ा?
यूं तो नीतीश और भाजपा के संबंध 2019 लोकसभा चुनाव से ही सहज नहीं रहे हैं, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम नीतीश के उत्तराधिकारी रहे आरसीपी सिंह को लेकर पैदा हुआ है।
JDU का आरोप है महाराष्ट्र में शिवसेना की तरह भाजपा सिंह के द्वारा JDU को भी तोड़ने की कोशिश कर रही थी और नीतीश को इसकी भनक लग गई थी।
इसके अलावा नीतीश अमित शाह के बिहार को रिमोट कंट्रोल करने की कोशिश करने से भी नाराज थे।