कर्नाटक: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ इन 8 मंत्रियों ने ली शपथ
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सिद्धारमैया और शिवकुमार के अलावा 8 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण ली, जिनमें जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज, एमबी पाटिल, सतीश जारकीहोली, प्रियांक खड़गे, रामलिंगा रेड्डी और बीजेड जमीर अहमद खान शामिल हैं। आइए कर्नाटक सरकार के नए मंत्रियों के बारे में जानते हैं।
जी परमेश्वर
जी परमेश्वर एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (JDS) गठबंधन सरकार के दौरान 2018 से 2019 के बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। परमेश्वर 2010 से 2018 के बीच लगातार 8 वर्षों तक कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। वो सबसे लंबी अवधि के लिए इस पद पर रहे। कोराटागेरे विधानसभा सीट से तीसरी बार जीत दर्ज करने वाले परमेश्वर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के दावेदार भी बताए जा रहे थे।
केजे जॉर्ज
73 वर्षीय केजे जॉर्ज ने अपनी राजनीति की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन के दौरान एक युवा नेता के रूप में की थी और वह 1989 से विभिन्न सरकारों का हिस्सा रह चुके हैं। जॉर्ज वीरेंद्र पाटिल की सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। गौरतलब है कि बेंगलुरू की सर्वज्ञ नगर सीट से छठी बार जीत दर्ज करने वाले जॉर्ज मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सबसे भरोसेमंद साथियों में से एक हैं।
सतीश जारकीहोली
सतीश लक्ष्मणराव जारकीहोली ने कुमारस्वामी सरकार में कुछ महीनों के लिए वन और पर्यावरण मंत्री के रूप में कार्य किया था। वह डीके शिवकुमार की अध्यक्षता में कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने बेलगावी की यमकनमराडी सीट से लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है। इस बार 57,211 वोटों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज करने वाले जारकीहोली 2008, 2013 और 2018 के चुनावों में भी इसी सीट से विधायक चुने गए थे।
प्रियांक खड़गे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पार्टी की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) में कार्यकर्ता के तौर पर की थी। वह 2013 में तत्कालीन सिद्धारमैया सरकार में 38 वर्ष की आयु में मंत्री बनने वाले सबसे कम उम्र के नेता थे। इस बार चित्तपुर सीट से जीतने वाले खड़गे पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
रामलिंगा रेड्डी
8 बार के विधायक रामलिंगा रेड्डी 4 बार कर्नाटक सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वह 2017 से 2018 के बीच कर्नाटक के गृह मंत्री भी थे। रेड्डी पहली बार वर्ष 1989 में जयनगर सीट से विधायक चुने गए थे और उन्होंने 2004 तक अपनी इस जीत को जारी रखा था। हालांकि, रेड्डी ने वर्ष 2008 में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद बीटीएम लेआउट सीट से चुनाव लड़ने लगे थे, जहां से वह लगातार चौथी बार चुने गए हैं।
केएच मुनियप्पा
मडिगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले केएच मुनियप्पा ने 1991 से 2019 के बीच लगातार 7 बार कोलार लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है। कर्नाटक में एक बड़े दलित नेता मुनियप्पा को 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) राज्य मंत्री भी रह चुके मुनियप्पा ने कर्नाटक चुनाव में देवनहल्ली सीट से जीत दर्ज की है।
एमबी पाटिल
कर्नाटक के प्रमुख लिंगायत नेता मल्लनगौड़ा बसनगौड़ा पाटिल कुमारस्वामी सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। इससे पहले वह सिद्धारमैया सरकार में भी जल संसाधन मंत्री थे। कर्नाटक विधानसभा के लिए 5वीं बार चुने गए पाटिल (विजयपुरा) लोकसभा सीट से सांसद भी रहे हैं। उन्होंने इस बार के कर्नाटक चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विजयकुमार पाटिल के खिलाफ बाबलेश्वर सीट पर 15,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की है।
बीजेड जमीर अहमद खान
जमीर अहमद खान चामराजपेट सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के सरकार में मंत्री रह चुके हैं। JDS के कद्दावर नेता रहे खान 2018 में पार्टी के अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस में शमिल हो गए थे।