सिद्धारमैया ने ली कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ, मंच पर दिखी विपक्षी एकता
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। वहीं कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने बेंगलुरू के श्री कांतीरावा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में सिद्धारमैया और शिवकुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई। गौरतलब है कि कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव में बड़ी जीत हासिल करते हुए 135 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
इन विधायकों ने भी ली मंत्री पद की शपथ
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के शपथ लेने के बाद कांग्रेस के 8 विधायकों ने भी कर्नाटक सरकार के मंत्री के तौर पर शपथ ली। इनमें डॉक्टर जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज, एमबी पाटिल, सतीश जारकीहोली, प्रियांक खड़गे, रामलिंगा रेड्डी और बीजेड जमीर अहमद खान शामिल हैं। गौरतलब है कि जी परमेश्वर, सतीश जारकीहोली, केजे जॉर्ज पहले भी मंत्री रह चुके हैं, जबकि प्रियांक खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं।
मंच पर एक-दूसरे का हाथ थामे दिखे सिद्धारमैया और शिवकुमार
शपथ लेने से पहले सिद्धारमैया और शिवकुमार मंच पर एक-दूसरे का हाथ थामे हुए लोगों का अभिवादन करते हुए दिखाई दिए। इसी दौरान राहुल गांधी आए और उन्होंने भी दोनों नेताओं का हाथ उठाकर लोगों का अभिवादन किया। गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए दोनों नेताओं के बीच कई दिनों तक चली खिंचतान की पृष्ठभूमि में इस तस्वीर के खास मायने हैं।
यहां देखें शपथग्रहण की तस्वीरें
मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समारोह में हुए शामिल
कर्नाटक के नए मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद रहीं। वहीं कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कार्यक्रम में मौजूद थे। इनके अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और शिवकुमार के भाई डीके सुरेश समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मंच पर मौजूद थे।
कांग्रेस गरीबों और दलितों के साथ खड़ी थी- राहुल
राहुल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "कांग्रेस की जीत के बाद कई बातें लिखी गईं कि कांग्रेस कैसे यह चुनाव जीती। अलग-अलग विश्लेषण किए गए, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस इसलिए जीती क्योंकि हम गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के साथ खड़े थे।" उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास सच्चाई थी, गरीब लोग। भाजपा के पास पैसा था, पुलिस थी और सब कुछ था, लेकिन कर्नाटक की जनता ने उनकी सारी शक्तियों को परास्त कर दिया।"
शपथ ग्रहण के दौरान दिखी विपक्ष की एकता
कांग्रेस ने शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए विपक्ष के कई नेताओं को निमंत्रण भेजा था, जिनमें से अधिकतर नेता मौजूद रहे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समेत अन्य कई विपक्षी नेता कार्यक्रम में शामिल हुए। बता दें कि काफी समय बाद विपक्ष के कई नेता एक साथ एक मंच पर दिखे हैं।
2013 से 2018 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं सिद्धारमैया
कर्नाटक में जमीन से जुड़े नेता के तौर पर पहचान रखने वाले 75 वर्षीय सिद्धारमैया ने 2013 से 2018 तक कर्नाटक के 22वें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी। वह देवराज उर्स और एस निजलिंगप्पा के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले कर्नाटक के सिर्फ तीसरे मुख्यमंत्री थे। इस बार वरुणा सीट से विधायक चुने गए सिद्धारमैया 1996 से 1999 और 2004 से 2005 के बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
क्या रहे थे कर्नाटक चुनाव के नतीजे?
कर्नाटक चुनाव के नतीजे 13 मई को घोषित हुए थे, जिसमें कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की। यह राज्य में पिछले 34 वर्षों में किसी भी पार्टी द्वारा दर्ज की गई सबसे बड़ी जीत है। भाजपा ने 66 सीटें जीती हैं, जबकि जनता दल सेक्युलर (JDS) 19 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई। अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों के खाते में 4 सीटें गईं। कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर 10 मई को मतदान हुआ था।
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