ममता बनर्जी की TMC और कांग्रेस में फिर शुरू हुई सीट बंटवारे पर बातचीत- रिपोर्ट
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चा दोबारा शुरू हो गई है।
इससे पहले TMC प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि वह अकेले ही राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ेंगी और कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगी।
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) के साथ सीट बंटवारे पर सहमति के बाद कांग्रेस और INDIA गठबंधन के लिए ये तीसरी अच्छी खबर है।
ममता
दोनों पार्टियों के बीच कितनी सीटों को लेकर बातचीत चल रही?
NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस और TMC के बीच बंगाल, असम और मेघालय की सीटों को लेकर बातचीत चल रही है और जल्द ही अंतिम मुहर लग सकती है।
सीट बंटवारे के फॉर्मूले के तहत 42 लोकसभा सीटों वाले बंगाल में TMC 36-37 और कांग्रेस 5-6 सीटों पर लड़ सकती है।
सूत्रों के अनुसार, बंगाल में कांग्रेस 6 सीटें चाहती है और इसके बदले TMC को असम में 2 और मेघालय में एक सीट देगी।
जानकारी
किन-किन सीटों पर बात बन सकती है?
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पार्टियों के बीच समझौते के तहत कांग्रेस को मालदा की दोनों सीटें, बहरामपुर, रायगंज और दार्जीलिंग सीटें मिल सकती हैं। इसके अलावा जंगीपुर, मुर्शिदाबाद और पुरुलिया पर बातचीत चलने की जानकारी है। मेघालय की सीट को लेकर बात अटकी है।
बातचीत
कांग्रेस आलाकमान के ममता से सीधी बात करने के बाद बदला रुख
कांग्रेस आलाकमान ने इस संबंध में ममता बनर्जी से सीधे बातचीत की।
दोनों पार्टियों में पहले भी बातचीत हुई थी, लेकिन ममता केवल 2 सीटों के लिए तैयार थीं। अब कांग्रेस आलाकमान के दखल से ममता के रुख में बदलाव आया है।
हालांकि, एक तथ्य यह भी है कि कांग्रेस को बंगाल के लिए असम और मेघालय की सीटों को लेकर थोड़ा समझौता करना पड़ेगा।
सूत्रों ने कहा कि आम सहमति बनते ही इसकी घोषणा की जाएगी।
प्रयास
कांग्रेस चाहती थी 8-14 सीटें, अब 6 सीटों के लिए प्रयास जारी
कांग्रेस का 5 सीटों पर तैयार होना बड़ी बात है क्योंकि उसने शुरुआती बातचीत में यहां 8-14 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी। हालांकि, वह अब भी एक और सीट के लिए प्रयास कर रही है।
पिछली बार अधिक सीटों की कांग्रेस की जिद से ममता भड़क गई थी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसकी मांग को 'अनुचित' बताया था।
इसके बाद उन्होंने वाम पार्टियों के साथ गठबंधन छोड़ने की शर्त तक रखी थी।
ममता
पहले क्यों नहीं बन सकी थी बात?
ममता ने कांग्रेस द्वारा 10-12 सीटों की मांग को अनुचित करार दिया था। ममता ने कहा था कि कांग्रेस को कुछ विशेष क्षेत्रों को क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देना चाहिए।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के ममता पर लगातार हमलों से भी दोनों पार्टियों के बीच स्थिति और बिगड़ गई थी।
हालांकि, कांग्रेस नेतृृत्व ने ममता को मनाने के प्रयास जारी रखे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि कुछ न कुछ रास्ता निकाला जाएगा।
चुनाव
लोकसभा चुनाव पास आने के साथ INDIA गठबंधन ने पकड़ा जोर
बता दें कि लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहा है, अब एक बार फिर INDIA गठबंधन जोर पकड़ने लगा है।
दिल्ली की 7 में से 3 पर कांग्रेस और 4 पर AAP चुनाव लड़ सकती है। दिल्ली के अलावा गुजरात, असम और हरियाणा में भी दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 17 सीटों, जबकि SP 62 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एक सीट चंद्रशेखर आजाद की भीम पार्टी को दी गई है।