घूस कांड में महुआ मोइत्रा की बढ़ी मुश्किलें, लोकसभा समिति ने पूछताछ के लिए बुलाया
पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में लोकसभा की आचार समिति ने महुआ को 31 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। महुआ को सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा गया है। बता दें कि इस मामले में आज आचार समिति की पहली बैठक थी, जिसमें वकील जय अनंत देहाद्रई और भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बयान लिए गए।
समिति बोली- ये बहुत गंभीर विषय
आज देहाद्रई और दुबे से समिति ने कई सवाल-जवाब किए। समिति ने कहा कि ये बहुत गंभीर विषय है। समिति ने गृह मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से भी कई जानकारियां मांगी हैं। समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा, "आज 2 लोगों निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई को समन भेजा गया था, दोनों पेश हुए और अपनी बात रखी। महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को बुलाने का फैसला लिया गया है। वह अपना पक्ष रखेंगी।"
समिति के सामने पेश होने के बाद क्या बोले दुबे?
पूछताछ के बाद दुबे ने कहा, "वे सामान्य सवाल थे। मैं बस इतना कह सकता हूं कि सभी सांसद चिंतित हैं। जब वे मुझे अगली बार बुलाएंगे तो मैं आऊंगा। सवाल यह है कि क्या संसद की मर्यादा और गरिमा बनी रहेगी। यह संसद की गरिमा का सवाल है। आचार समिति मुझसे ज्यादा चिंतित है।" रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ के दौरान दुबे से महुआ द्वारा लगाए गए फर्जी डिग्री के आरोपों पर भी सवाल किए गए।
क्या है मामला?
दुबे ने आरोप लगाया है कि संसद में सवाल पूछने के लिए मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली है। दुबे ने इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा था। इसमें कहा गया है कि मोइत्रा ने संसद में 61 सवाल पूछे, जिनमें से लगभग 50 हीरानंदानी और उनकी कंपनी के हितों को बचाने के लिए थे। दुबे ने ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील देहाद्रई के एक पत्र के आधार पर लगाए हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने स्कूल पढ़ाई कोलकाता से की है और मैसाचुसेट्स, अमेरिका से अर्थशास्त्र और गणित में स्नातक किया है। उन्होंने न्यूयॉर्क और लंदन में बतौर निवेश बैंकर भी काम किया है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। 2010 में वे TMC में शामिल हो गईं और 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में नादिया जिले के करीमपुर से विधायक चुनी गईं।