उत्तराखंड: तीरथ सिंह रावत के बाद कौन होगा नया मुख्यमंत्री? ये नाम सबसे आगे
क्या है खबर?
शुक्रवार रात तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की तलाश शुरू हो गई है।
आज 3 बजे पार्टी ने अहम बैठक बुलाई है, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा।
यह पुष्टि नहीं हुई है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, लेकिन भाजपा के उत्तराखंड प्रमुख मदन कौशिक ने कहा कि मौजूदा विधायकों में से किसी एक को यह कुर्सी मिलेगी।
इस रेस में छह विधायकों का नाम आगे चल रहा है।
जानकारी
मार्च में मुख्यमंत्री बने थे तीरथ सिंह रावत
इस साल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह राज्य की कमान संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने संवैधानिक कारणों के चलते महज 115 दिन बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने गुरुवार देर रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा।
उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री की तलाश के लिए भाजपा ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है। वो सुबह देहरादून पहुंच गए हैं।
कयास
मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल हैं ये नाम
TOI के अनुसार, उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर सतपाल महाराज, बिशन सिंह चुपल, पुष्कर धामी, मदन कौशिक और धन सिंह रावत का नाम आगे चल रहा है।
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम भी इस सूची में शामिल है। हालांकि, उन्होंने इसका खंडन किया है।
कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि पार्टी इस बार भी पिछली बार की तरह कोई नया नाम सामने लाकर सबको चौंका सकती है।
उत्तराखंड
तोमर करेंगे बैठक की अध्यक्षता
भाजपा ने मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाने के लिए 3 बजे बैठक बुलाई है। पर्यवेक्षक के तौर पर पहुंचे नरेंद्र सिंह तोमर इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। आज सुबह देहरादून पहुंचने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए तोमर ने कहा था कि कोई भी फैसला लिए जाने से पहले सभी विधायकों की राय जानी जाएगी।
बता दें कि नए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ही पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरेगी।
इतिहास
उत्तराखंड में केवल एक मुख्यमंत्री कर पाया है कार्यकाल पूरा
तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
अगला मुख्यमंत्री राज्य के लगभग 20 साल के इतिहास में आठवां मुख्यमंत्री होगा।
दिलचस्प बात यह है कि अब तक रहे सात मुख्यमंत्रियों में से मात्र एक ही मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा कर पाया है।
राज्य के पहले मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बाद कोई भी नेता इस पद पर पांच साल तक नहीं रह पाया है।