वैक्सीन की कमी पर बोले केंद्रीय मंत्री गौड़ा, कहा- क्या खुद को फांसी पर लटका लें?
क्या है खबर?
देश में चल रही कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच राज्यों को वैक्सीनों की कमी से जूझना पड़ रहा है।
हालात यह है कि कई राज्यों ने वैक्सीनेशन अभियान रोक दिया तो कई विदेशों से वैक्सीन आयात करने की संभावना तलाश रहे हैं।
इसी बीच केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने गुरुवार को कहा क्या सरकार में बैठे लोगों को वैक्सीने के उत्पादन में नाकामी की वजह से खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए?
पृष्ठभूमि
वैक्सीनों की कमी से कम हुई वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार
बता दें कि वैक्सीनों की कमी के कारण देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार धीमी हो गई है।
सबसे बुरी हालत महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली की है, जहां 45 वर्ष से कम आयु के लोगों के वैक्सीनेशन अभियान को ही रोक दिया गया है।
इसी तरह अब दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और उत्तराखंड जैसे कई राज्यों को कथित तौर पर विदेशों से वैक्सीन की खरीद के लिए वैश्विक निविदा मंगाने का निर्णय करना पड़ा है।
बयान
क्या खुद को फांसी पर लटका लें- गौड़ा
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार गौड़ा ने कर्नाटक में कहा, "सरकार के वादे के अनुसार वैक्सीनों का उत्पादन करने में विफल रहने पर क्या सरकार में बैठे लोगों को खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए?"
उन्होंने आगे कहा, "कोर्ट ने अच्छी मंशा से कहा था देश में सबको वैक्सीन लगवानी चाहिए। मैं पूछना चाहता हूं कि यदि कोर्ट कल कहता है कि आपको इतनी (वैक्सीन) देनी हैं और यह नहीं बन पाए, तो क्या हमें खुद को फांसी देनी चाहिए?
बचाव
वैक्सीन के उत्पादन पर गौड़ा ने किया सरकार का बचाव
वैक्सीन उत्पादन पर सरकार का बचाव करते हुए गौड़ा ने कहा कि सरकार पूरी ईमानदारी से अपना कार्य कर रही है। सरकार के निर्णयों के पीछे कोई भी राजनीतिक या अन्य लाभ नहीं है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन उत्पादन को लेकर कुछ कमियां जरूर सामने आई है, लेकिन व्यावहारिक रूप से कुछ चीजें सरकार के नियंत्रण से भी बाहर होती है। आप ही बताएं कि क्या सरकार नियंत्रण से बाहर की चीजों को भी सही कर सकती है?
बयान
सरकार के समय पर कदम नहीं उठाने पर अधिक खराब होती हालत- सीटी रवि
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने दावा किया कि यदि सरकार समय रहते कदम नहीं उठाती तो आज हालात 10 गुना या 100 गुना अधिक खराब होती। सरकार की कार्य क्षमता और व्यस्थित तैयारी का ही नतीजा है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति 300 मीटि्रक टन से 1,500 मीटि्रक टन पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के अकल्पनीय प्रसार के कारण सरकार द्वारा की गई तैयारियां भी कमजोर पड़ गई।
प्रयास
उपलब्ध संसाधनों के आधार पर व्यवस्था करेगी सरकार- सीटी रवि
सीटी रवि ने कोर्ट द्वारा सरकार की खिंचाई करने के सवाल पर कहा, "न्यायाधीश ही सबकुछ नहीं है। हमारे पास उपलब्ध संसाधनों के आधार पर तकनीकी सलाहकार समिति सिफारिश करेगी कि कितनी वैक्सीनों का वितरण किया जाता है। उस सिफारिश के आधार पर ही सरकार आगे का निर्णय करेगी।"
उन्होंने आगे कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार प्रयास कर रही है और सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।