महाराष्ट्र: अजित पवार के सोशल मीडिया अकाउंट संभालने पर खर्च होंगे छह करोड़, हो रही आलोचना
क्या है खबर?
महाराष्ट्र सरकार ने उप मुख्यमंत्री अजित पवार के सोशल मीडिया अकाउंट्स को चलाने के लिए छह करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया है।
बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालने के लिए किसी निजी एजेंसी की सहायता ली जाएगी।
इस एजेंसी को सोशल मीडिया अकाउंट्स संभालने के साथ पवार के फैसलों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की भी जिम्मेदारी दी जाएगी।
दूसरी तरफ इस फैसले की आलोचना हो रही है।
आदेश
सरकार ने योग्य लोगों की कमी को बताया कारण
महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी आदेश में निजी एजेंसी को पवार के सोशल मीडिया अकाउंट संभालने की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय किया गया है। इसके लिए सरकार ने 5.98 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह एजेंसी पवार के फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम आदि के अकाउंट्स संभालेगी।
बताया गया है कि महाराष्ट्र सरकार के जनसंपर्क विभाग के पास पेशेवर लोगों की कमी है, जिस वजह से बाहरी एजेंसी की मदद ली गई है।
जानकारी
सरकार के फैसले की हो रही आलोचना
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार उप मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ फाइनेंस और प्लानिंग विभाग भी संभालते हैं। कोरोना महामारी के चलते पैसों की किल्लत के बीच महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले की आलोचना भी हो रही है।
महाराष्ट्र
वेतन के लिए लोन लेने तक की बात कह चुके हैं मंत्री
दरअसल, कोरोना से देश के सर्वाधिक प्रभावित राज्य की तिजोरी फिलहाल खाली है।
परिवहन मंत्री कई बार कह चुके हैं कि उन्हें कर्मचारियों को वेतन देने के लिए लोन लेने की जरूरत आ पड़ी है। कई लोगों का मानना है कि ऐसी स्थिति में पवार के प्रचार के लिए छह करोड़ रुपये खर्च करना तर्कसंगत नहीं है।
अधिकारी भी कह रहे हैं कि जनसंपर्क विभाग के पास 1,200 लोगों का स्टाफ है और बाहरी एजेंसी की जरूरत नहीं है।
आलोचना
भाजपा ने साधा निशाना
पवार की छवि बनाने के लिए छह करोड़ रुपये खर्च करने के फैसले पर विपक्षी दल भाजपा ने निशाना साधा है।
पार्टी के प्रवक्ता राम कदम ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार लोगों को पैसों की कमी की बात कहती है, लेकिन जब खुद की वाहवाही के लिए पैसा खर्च करना होता है तो बिना सोचे फैसले ले लेती है।
उन्होंने इसे जनता के पैसे का दुरुपगोय करार दिया।