LOADING...
देहरादून: बेटों की फीस भरने के लिए डॉक्टर ने उठाया जाली नोट छापने का कदम, गिरफ्तार

देहरादून: बेटों की फीस भरने के लिए डॉक्टर ने उठाया जाली नोट छापने का कदम, गिरफ्तार

Jan 16, 2020
08:01 pm

क्या है खबर?

कहते हैं कि कोई भी इंसान जन्म से अपराधी नहीं होता है, हालात और मजबूरी उसे आपराधिक कदम उठाने के लिए मजबूर करती है। ऐसी ही मजबूरी ने उत्तरखंड की राजधानी देहरादून के एक आयुर्वेद चिकित्सक को जालसाज बना दिया और वह जाली नोट छापने के धंधे में लग गया। मामले का खुलासा होने पर गुरुवार को पुलिस ने उसके क्लिनिक पर धावा बोलकर उसे गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से 11,000 के जाली नोट भी बरामद कर लिए।

हालात

लंबे समय से सही नहीं चल रहा था क्लिनिक

पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि गिरफ्तार चिकित्सक हरिद्वार के गंगनहर निवासी संजय शर्मा है। उसका क्लेमेंट टाउन में क्लिनिक है और लंबे समय से व्यवसाय सही नहीं चल रहा था। उसकी आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही थी और उस पर अपने दो बेटों की पढ़ाई के खर्च का बोझ बढ़ रहा था। ऐसे में उसने जाली नोट छापने का रास्ता अपना लिया। इसके जरिए वह अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाकर उन्हें बेहतर भविष्य देना चाहता था।

फरार

तीन महीने पहले फरार हो गया था चिकित्सक

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस ने 17 सितंबर, 2019 को शहर में जारी नोट की सूचना पर मारी गई छापेमारी में गिरोह के मास्टरमाइंड विक्रम व राजेश चौहान को गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान उनका तीसरा साथी आरोपी चिकित्सक शर्मा मौके से फरार हो गया था। पुलिस ने उस दौरान मौके से करीब छह लाख के नकली नोट, चार प्रिंटिंग कारटेज, 16 पेज प्रिंटिंग और एक पिस्तौल बरामद की थी।

Advertisement

दबिश

कई बार दी दबिश, लेकिन नहीं मिली सफलता

पुलिस अधीक्षक चौबे ने बताया कि सितंबर के प्रकरण के बाद से ही आरोपित चिकित्सक की तलाश के लिए तीन टीमें गठित कर दी गई थी। पुलिस टीमों ने चिकित्सक का पता लगाकर कई बार छापेमारी भी की थी, लेकिन आरोपी चिकित्स्क हर बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता था। ऐसे में इस पर पुलिस ने एक विशेष टीम गठित कर उसकी गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया और मौका देखकर दबिश मारते हुए उसे दबोच लिया।

Advertisement

तरीका

स्केनर की मदद से छापे जाते हैं जाली नोट

तकनीक ने इंसान को जितनी सुविधाएं दी है उतना ही इसका दुरूपयोग भी बढ़ा है। देश में जाली नोट का कारोबल लंबे समय से चला आ रहा है और पुलिस व सरकार इसके प्रति चिंतित भी है। आरोपी अमूमन स्केनर व प्रिटिंग मशीन की मदद से जाली नोट छापते हैं। ये दिखने में हूबहू असली नोट की तरह होते हैं और इन्हें पहचानना आसान नहीं होता है। आरोपी बड़ी आसानी से नकली नोट छापकर उन्हें बाजार में उतार देते हैं।

कार्रवाई

लगातार हो रही जाली नोट के खिलाफ कार्रवाई

13 जनवरी, 2020 को पुलिस ने झारखंड में दो लोगों को गिरफ्तार कर जाली नोट व मशीन बरामद की थी। 26 दिसंबर, 2019 को दिल्ली पुलिस ने पांच को गिरफ्तार कर करीब 1.55 लाख के नकली नोट व डॉलर बरामद किए थे। 11 अगस्त, 2018 को दिल्ली पुलिस ने एक को गिरफ्तार कर लाखों के नकली नोट बरामद किए थे। 30 अक्टूबर, 2017 को मंदसौर पुलिस ने चार जनों को गिरफ्तार कर 2.5 लाख रुपये के जाली नोट पकड़े थे।

Advertisement