
उत्तराखंड बाढ़: अब तक बरामद हुए 14 शव, 170 से अधिक अभी भी लापता
क्या है खबर?
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 170 से अधिक लोग लापता चल रहे हैं। छह लोग घायल भी हुए हैं।
घटना के एक दिन बाद भी बचाव कार्य पूरी तेजी के साथ जारी है और कई गांवों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। बचाव कार्य में सेना, वायुसेना और नौसेना भी लगी हुई है।
पृष्ठभूमि
ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़
चमोली जिले के जोशीमठ के तपोवन में रविवार सुबह नंदा देवी ग्लेशियर का एक टुकड़ा टूट गया जिससे अलकनंदा और धौली नदियों में बाढ़ आ गई। समस्या तब और बढ़ गई जब बाढ़ के कारण तपोवन में अलकनंदा नदी पर बना ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट का एक बांध टूट गया। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि बांध का अधिकांश हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया है।
बाढ़ में पांच पुलों और कई घरों भी बह गए।
लापता
लापता लोगों में पॉवर प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर और कर्मचारी
प्रशासन के अनुसार, घटना के बाद लापता चल रहे 170 लोगों में सभी पॉवर प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर और कर्मचारी हैं।
बचाव अभियान के दौरान एक सुरंग के अंदर फंसे 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। इसके अलावा लगभग 30 अन्य लोग एक दूसरी सुरंग में फंसे हुए हैं और बचाव टीमों ने रातभर उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अभियान चलाया। ये सुरंग 2.5 किलोमीटर लंबी बताई जा रही है।
मृतक
14 लोगों के शव मिले, केंद्र और राज्य का मुआवजे का ऐलान
बचाव अभियान के दौरान अब तक 14 लोगों के शव भी बरामद हुए हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है और राज्य के मुख्य सचिव ओम प्रकाश घटना में 100-150 लोगों के मरने की आशंका जता चुके हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देना का ऐलान किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये दिए जाएंगे, वहीं गंभीर रूप से घायलों को 50,000-50,000 रुपये दिए जाएंगे।
बचाव अभियान
सेना समेत कई बलों की टीमें चला रहीं बचाव अभियान
राहत और बचाव अभियान की बात करें तो राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) औऱ भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) की कई टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
सेना ने अपने छह कॉलम को मदद के लिए भेजा है। हर कॉलम में 100 सैनिक हैं। एक एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर, दो चीता हेलीकॉप्टर्स, C-130 और An32 परिवहन विमानों को भी बचाव अभियान में लगाया गया है।
नौसेना की सात टीमों को स्टैंडबाई पर रखा गया है।
निगरानी
हालात पर नजर रख रहे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल घटना पर मुख्यमंत्री रावत से फोन पर बात की थी और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
उन्होंने ट्वीट कर बताया, 'मैं लगातार उत्तराखंड में हालातों पर नजर रख रहा हूं। पूरा देश उत्तराखंड के साथ है और लोगों की सलामती की दुआ कर रहा है। लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहा हूं और NDRF की तैनाती, उनके राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ले रहा हूं।'
जानकारी
कई राज्यों और देशों ने दिया मदद का भरोसा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी उत्तराखंड सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। तुर्की और ब्रिटेन ने भी भारत सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।