उत्तराखंड: भाजपा सांसद तीरथ सिंह रावत ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
भाजपा सांसद तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शाम करीब 4 बजे उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। उनके पूर्वीवर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत को विधायकों और मंत्रियों की बगावत के बाद कल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इन विधायकों ने रावत के कामकाज करने के तरीके पर सवाल उठाए थे जिसके बाद भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था।
कौन हैं तीरथ सिंह रावत?
56 वर्षीय तीरथ सिंह रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था और वह अभी यहीं से सांसद हैं। इससे पहले वह उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं और उनके नाम राज्य का पहला शिक्षा मंत्री होने का रिकॉर्ड है। रावत ने 2013 से 2015 तक उत्तराखंड भाजपा की कमान भी संभाली है। मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल समेत कई बड़े नामों को मात दी है।
त्रिवेंद्र रावत की तरह लो-प्रोफाइल नेता हैं तीरथ सिंह
तीरथ सिंह अब तक एक लो-प्रोफाइल नेता रहे हैं और उन्हें संगठन का विशेषज्ञ माना जाता है। उनकी यह खासियत उनके पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र रावत से मेल खाती है जिन्हें लो-प्रोफाइन होने के कारण ही 2017 में राज्य का मुख्यमंत्री चुना गया था।
त्रिवेंद्र रावत ने कल दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि 2017 से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के पीछे सबसे बड़ा कारण उत्तरखंड के विधायकों, मंत्रियों और सांसदों का उनसे नाराज होना रहा। इन विधायकों और मंत्रियों ने उन्हें "औसत से भी कम" रेटिंग दी थी और उन पर समय पर फैसले न लेने और उनसे संवाद न करने का आरोप लगाया था।
रावत के खिलाफ दिल्ली में डेरा डाले हुए थे मंत्री और विधायक
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के चार मंत्रियों समेत कम से कम 10 विधायक पिछले कुछ समय से रावत के खिलाफ दिल्ली में ही डेरा डाले हुए थे। इन बागी नेताओं का कहना था कि अगर रावत मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहते हैं और भाजपा उनके नेतृत्व में अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में उतरती है तो पार्टी का जीतने की संभावना न के बराबर है।
कुछ विधायकों ने दी थी रावत को न हटाने पर इस्तीफे की धमकी
विधायकों और मंत्रियों की इसी नाराजगी को देखते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दो केंद्रीय पर्यवक्षकों- रमन सिंह और दुष्यंत गौतम- को देहरादून भेजा था। इन दोनों ने शनिवार को मुख्यमंत्री रावत और पार्टी विधायकों के साथ आपातकालीन बैठक की। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ विधायकों ने अल्टीमेटम दे दिया था कि अगर रावत को हटाया नहीं गया तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। सिंह और गौतम ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी थी।
दिल्ली तलब किए गए थे त्रिवेंद्र रावत
यह रिपोर्ट मिलने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सोमवार को त्रिवेंद्र रावत को दिल्ली तलब किया था और उनके साथ बैठक की थी। इसी बैठक में रावत से इस्तीफा देने को कहा गया था और अगले दिन आकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।