बंगाल: भाजपा के सभी विधायकों को मिलेगी केंद्रीय बलों की सुरक्षा, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में भाजपा के सभी 77 विधायकों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उनको संभावित खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
इन सभी विधायकों को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सशस्त्र कमांडो सुरक्षा प्रदान करेंगे।
केंद्रीय पुलिस बलों द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट और बंगाल भेजी गई उच्च स्तरीय टीम के इनपुट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है।
सुरक्षा
61 नेताओं को मिली X कैटेगरी की सुरक्षा
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के 61 विधायकों को X कैटेगरी की सुरक्षा मिलेगी। ये सबसे कम श्रेणी की सुरक्षा होती है और इसमें CISF के कमांडो सुरक्षा प्रदान करते हैं। बाकी नेताओं को या तो पहले से ही सुरक्षा मिली हुई है या उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा मिलेगी।
नेता विपक्षा और तृणमूल कांग्रेस (TMC) से भाजपा में आए सुवेंदु अधिकारी को पहले से ही CRPF की Z कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है।
हिंसा
बंगाल में नतीजों के बाद हुई थी हिंसा
बता दें कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बंगाल में हिंसा हुई थी और 2 मई को नतीजे साफ होने के चंद घंटे बाद ही हुगली के आरामबाग में भाजपा कार्यालय को फूंक दिया गया था। हिंसा में भाजपा और TMC दोनों के कार्यकर्ता मारे गए थे।
इसके अलावा पश्चिमी मिदनापुर में केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के काफिले पर भी हमला किया गया था। उन्होंने TMC पर इसका आरोप लगाया था।
आरोप
भाजपा अध्यक्ष का आरोप- TMC के इशारों पर हो रही हिंसा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पूरे मामले में TMC सरकार को घेर चुके हैं।
उन्होंने कहा था, "चुनाव परिणाम आने के बाद से पूरे पश्चिम बंगाल में TMC प्रायोजित हिंसा चरम पर है। लगातार भाजपा कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। जब हजारों लोग जान बचाने के लिए पलायन कर रहे हैं, बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं, तब फ्रीडम ऑफ स्पीच और मानवाधिकार की वकालत करने वाले गायब हैं।'"
चुनावी नतीजे
क्या रहे बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे?
TMC ने बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज की है और पहली बार राज्य की सत्ता में आने के भाजपा के मंसूबों को नेस्तनाबूद कर दिया है।
जिन 292 सीटों पर चुनाव हुआ था, उनमें से 213 सीटों पर TMC ने जीत दर्ज की है, वहीं 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा करती आ रही भाजपा मात्र 77 सीटों पर सिमट गई।
वामपंथी पार्टियों और कांग्रेस के गठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया।