ट्वीट को लेकर तमिलनाडु भाजपा के सचिव एसजी सूर्या गिरफ्तार, क्या है पूरा मामला
तमिलनाडु में भाजपा के राज्य सचिव एसजी सूर्या को शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें मदुरै की साइबर अपराध पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये मामला मदुरै के सांसद वेंकटेशन को लेकर किए गए एक ट्वीट से जुड़ा हुआ है। तमिलनाडु राज्य भाजपा के प्रमुख के अन्नामलाई ने सूर्या की गिरफ्तारी को निंदनीय करार देते हुए कहा कि राज्य सरकार असंतुष्टों को गिरफ्तार कर उनकी आवाज दबाने की कोशिश करती है।
सूर्या ने क्या ट्वीट किया था?
दरअसल, मदुरै में मल से भरे एक नाले को साफ करने के दौरान एक स्वच्छता कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। इसके बाद सूर्या ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पार्षद विश्वनाथन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कर्मचारी को ऐसा करने के लिए मजबूर किया। इस संबंध में सूर्या ने एक ट्वीट में सांसद वेंकटेशन को लेकर कहा था, 'आपकी अलगाववाद की नकली राजनीति से उस नाले से भी बदतर बदबू आ रही है।'
पुलिस ने क्या कहा है?
पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी की वजह नहीं बताई है, लेकिन माना जा रहा है कि सांसद को लेकर किए गए ट्वीट के चलते ही सूर्या की गिरफ्तारी हुई है। सूर्या पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153A, 505(1)(B), 505 (1)(C), 66(D) और IT अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, तमिलनाडु भाजपा सचिव को मदुरै साइबर क्राइम पुलिस ने उनके हालिया ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किया है, जो उन्होंने मदुरै सांसद को लेकर किया था।
भाजपा बोली- जंगलराज ला रहे स्टालिन
अन्नामलाई ने ट्वीट कर लिखा, 'भाजपा के प्रदेश सचिव एसजी सूर्या की गिरफ्तारी बेहद निंदनीय है। उनकी केवल यह गलती थी कि उन्होंने कम्युनिस्टों और DMK के सहयोगियों के नफरत भरे और दोहरे मानकों को उजागर कर दिया था। राज्य के तंत्र का इस्तेमाल कर बोलने की आजादी पर रोक लगाना और आलोचना पर चिड़चिड़ा हो जाना, निरंकुश नेता की निशानी है। एमके स्टालिन राज्य जंगलराज ला रहे हैं, लेकिन ये गिरफ्तारी हमें विचलित नहीं करेगी।'
बदले के तौर पर भी देखी जा रही कार्रवाई
राजनीतिक विश्लेषक सूर्या की गिरफ्तारी को बदले की राजनीति के तौर पर भी देख रहे हैं। दरअसल, हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में ऊर्जा मंत्री सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार कर लिया था। उन पर आरोप है कि साल 2011 से 2015 के बीच AIADMK की सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य परिवहन विभाग में नियुक्ति के इच्छुक उम्मीदवारों से नौकरी देने के बदले रिश्वत ली थी।