बंगाल में जमने के लिए भाजपा करेगी 300 से ऊपर रैली, अप्रैल में कोलकाता में महारैली
पश्चिम बंगाल में अपने लिए राजनीतिक जमीन बनते हुए देख रही भारतीय जनता पार्टी आने वाले दो महीने में राज्य में 300 रैली करेगी। पार्टी अप्रैल के पहले हफ्ते में कोलकाता में एक महारैली का भी आयोजन करेगी। आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में अपने लिए माहौल बनाने और राज्य की 42 में से 22 जीत जीतने के अपने मिशन को पूरा करने के लिए पार्टी अपना पूरा दमखम झोंकने को तैयार है।
रैलियों के जरिए महारैली के लिए समर्थन जुटाएगी भाजपा
यह जानकारी भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को दी है। नाम ना बताने की शर्त पर नेता ने कहा, "हमने बंगाल में एक रथयात्रा की योजना बनाई थी, लेकिन राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली। इतनी रैलियों का आयोजन अप्रैल के पहले हफ्ते में कोलकाता में होने वाली महारैली के लिए समर्थन जुटाने के लिए किया जा रहा है।" उनके अनुसार, इन रैलियों के लिए भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को बुलाया जाएगा।
रथयात्रा की नहीं मिली मंजूरी
भाजपा ने राज्य में तीन अलग स्थानों से एक साथ यात्रा निकालने की योजना बनाई थी जो कोलकाता की महारैली में आकर मिलतीं। यात्रा के लिए राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिलने के बाद पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाया खटखटाया। पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से भी निराशा हाथ लगी। मंजूरी ना मिलने के कारण भाजपा की तैयारियों को तगड़ा झटका लगा और अब उसे दूसरी तरह से रणनीति बनाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
बंगाल की जमीन भाजपा के लिए मनमाफिक
उत्तर भारत में 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले नुकसान की संभावनाओं को देखते हुए भाजपा पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में पैर जमाने की कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल से भाजपा को बड़ी उम्मीद है क्योंकि यहां उसके पैर जमाने लायक जमीन है। ममता की मुस्लिम तुष्टीकरण वाली छवि और 'बांग्लादेशी घुसपैठियों' जैसे मुद्दों का फायदा उठा भाजपा राज्य में अपने पैर जमाना चाहती है। भाजपा की तैयारी ममता सरकार को प्रशासन के मुद्दे पर भी घेरने की है।
बंगाल से भाजपा को बड़ी उम्मीदें
भाजपा को राज्य से 22 से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद है। पिछले चुनावों के परिणामों पर नजर डालें तो 2014 लोकसभा चुनाव में सारी सीटों से चुनाव लड़ने के बाद भी पार्टी 2 ही सीटें जीत पाई थी। 2016 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने 291 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए, लेकिन 3 पर ही जीत दर्ज कर पाई। इस बीच पार्टी का वोट प्रतिशत लगातार बढ़ा है। इसलिए भाजपा को राज्य से बहुत उम्मीदें हैं।