पंजाब: 30 साल बाद विधानसभा में नहीं होगा बादल परिवार का कोई सदस्य
लगभग तीन दशक बाद अब पंजाब विधानसभा में राज्य के सबसे मजबूत राजनीतिक परिवार से कोई प्रतिनिधि नहीं होगा। चुनावी मैदान में उतरे बादल परिवार के सभी सदस्य आम आदमी पार्टी (AAP) की आंधी में अपनी सीटों से हार गए हैं। न सिर्फ शिरोमणि अकाली दल के बड़े चेहरों को इस चुनाव में हार मिली है बल्कि कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी अपनी सीट नहीं बचा पाए।
बसपा के साथ चुनावों में उतरी थी अकाली दल
सुखबीर सिंह बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने इस बार भाजपा का साथ छोड़कर बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। किसान आंदोलन के मुद्दे पर भाजपा का सालों पुराना साथ छोड़ने वाले अकाली दल को विश्वास था कि वह किसानों के मुद्दों को उठाकर सत्ता में लौट सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 2017 तक राज्य में सरकार चला रही अकाली दल इस बार महज तीन सीटों पर जीत हासिल कर पाई है।
AAP प्रत्याशियों से हारे बादल
अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को लंबी विधानसभा सीट पर AAP प्रत्याशी गुरमीत खुडियां के हाथों हार का सामना करना पड़ा। वहीं सुखबीर बादल को जलालाबाद से AAP के जगदीप कंबोज ने हरा दिया। इसी तरह प्रकाश बादल के दामाद आदेश प्रताप कैरों को पट्टी, सुखबीर बादल के साले बिक्रम मजीठिया को अमृतसर पूर्व और चचेरे भाई और कांग्रेस उम्मीदवार मनप्रीत बादल को बठिंडा सीट से हार का सामना करना पड़ा है।
सुखबीर बोले- जनादेश मंजूर
चुनाव में मिली हार के बाद सुखबीर बादल ने ट्वीटर पर लिखा कि वो विनम्रता के साथ पंजाबियों के जनादेश को स्वीकार करते हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल और बसपा गठबंधन में विश्वास दिखाने के लिए लोगों का धन्यवाद किया।
कांग्रेस नेता ने लगाया था बादलों पर मिले होने का आरोप
पिछले महीने मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने आरोप लगाया कि सभी बादल (कांग्रेस के ही मनप्रीत सिंह बादल समेत) फिक्स मैच खेल रहे हैं। उन्होंने लोगों से मनप्रीत बादल समेत सभी बादलों को चुनाव में हराने की अपील करते हुए कहा कि ये सब मिले हुए हैं और इनका पर्दाफाश होना चाहिए। बता दें कि चन्नी सरकार में परिवहन मंत्री रहे वारिंग गिद्दड़बाहा से अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं।
क्या रहे पंजाब के नतीजे?
पंजाब में AAP की सुनामी देखने को मिली और पार्टी ने 117 में से 92 सीटों पर जीत दर्ज की है। सत्तारूढ़ कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब रही और वह मात्र 18 सीटें जीत पाई। अकाली दल तीन और अमरिंदर सिंह और भाजपा का गठबंधन मात्र दो सीटें जीत पाया। बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय ने एक-एक सीट जीती है। भगवंत मान पंजाब के अगले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।