पंजाब: विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री चन्नी के भतीजे पर ED का छापा
पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक एक महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे के घर पर छापा मारा है। अवैध खनन के मामले में ये छापा मारा गया है। मामले में चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी के घर के अलावा अन्य 10 जगहों पर भी छापे मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है और ED राजनीतिक कनेक्शन वाले कई लोगों की जांच कर रही है।
चन्नी बोले- मुझे निशाना बना रही भाजपा, ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं
चन्नी ने अपने भतीजे पर छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर निशाना साधा है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "वो (भाजपा सरकार) मुझे निशाना बना रहे हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। हम इससे लड़ने के लिए तैयार हैं। ऐसी ही चीजें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थीं।"
पंजाब में अवैध खनन एक बड़ा मुद्दा
बता दें कि पंजाब में अवैध रेत खनन एक बड़ा मुद्दा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उसके सभी विधायक अवैध खनन में शामिल हैं। उन्होंने कहा था कि अगर वे नाम बताना शुरू करेंगे तो उन्हें बिल्कुल ऊपर से शुरू करना पड़ेगा। सिंह ने मीडिया से ये भी कहा था कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी विधायकों के अवैध खनन में लिप्त होने की सूचना दी थी।
भाजपा पर लगता रहता है केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
गौरतलब है कि ये छापे ऐसे समय पर मारे गए हैं जब पंजाब में विधानसभा चुनाव की तैयारियों जोरों पर हैं। इसके कारण भी इन छापों को चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा पर पहले भी विरोधियों को परेशान करने के लिए ED और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगता रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी के एक नेता पर केंद्रीय एजेंसियों ने छापा मारा था।
पंजाब में 20 फरवरी को चुनाव
117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब में एक चरण में ही 20 फरवरी को चुनाव होगा और 10 मार्च को नतीेजे घोषित किए जाएंगे। पंजाब में कांग्रेस जहां अपना किला बचाने की कोशिश में है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) और अकाली दल पिछली हार को भूलकर सत्ता में आने के प्रयास कर रही हैं। कांग्रेस से अलग होने के बाद अमरिंदर सिंह ने अपनी अलग पार्टी बनाई है और वो भाजपा के साथ मिलकर दावेदारी पेश कर रहे हैं।