पंजाब: अमरिंदर सिंह के घर के बाहर अकाली दल का प्रदर्शन, सुखबीर बादल हिरासत में
क्या है खबर?
पंजाब में आज शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को हिरासत में ले लिया गया।
बादल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की बर्खास्तगी के लिए ये प्रदर्शन कर रहे थे।
अकाली दल की नई-नवेली सहयोगी बहुजन समाज पार्टी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुई और पंजाब बसपा प्रमुख जसवीर सिंह गढ़ी ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
आरोप
बादल का वैक्सीन बिक्री और मेडिकल किट खरीद में घोटाले का आरोप
पिछले कुछ समय से कांग्रेस सरकार पर हमलावर बने हुए सुखबीर बादल का आरोप है कि राज्य में वैक्सीन की बिक्री और कोविड-19 मरीजों के लिए मेडिकल किट की खरीद में घोटाला हुआ है। उनकी मांग है कि मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराई जाए और मामले में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू को बर्खास्त किया जाए।
इन्हीं मांगों को लेकर उन्होंने आज सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ अमरिंदर सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन किया।
जानकारी
प्रदर्शनकारियों पर किया गया वॉटर कैनन का प्रयोग
अकाली दल के कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग की और उन पर वॉटर कैनन का प्रयोग भी किया गया। इसके अलावा बादल और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को हिरासत में भी ले लिया गया।
बयान
सरकार को जागना पड़ेगा, नहीं तो जनता जगाएगी- बादल
हिरासत में लिए जाने से पहले मीडिया से बात करते हुए बादल ने कहा, "साढ़े चार साल हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री न अपने सरकारी आवास गए, न सरकारी दफ्तर गए। हजारों लोग मर गए, न दवाई पहुंचाई, न डॉक्टर का प्रबंध किया। इंजेक्शन से लेकर PPE किट और फतेह किट में करोड़ो रुपये का घोटाला किया। ऐसी लुटेरी सरकार जितने भी दिन रहेगी, पंजाब के लोगों को बड़ा नुकसान करेगी। इन्हें जागना पड़ेगा, लेकिन छह महीने बाद जनता जगाएगी।"
बयान
वैक्सीनेशन में घोटाला, फतेह किट में घोटाला- बादल
बादल ने आगे कहा, "अगर तूफान उठेगा तो कैप्टन उसे रोक नहीं पाएंगे, चाहें वे अपनी पूरी ताकत लगा दें। वैक्सीनेशन में घोटाला, फतेह किट में घोटाला, SC छात्रवृत्ति में घोटाला हुआ है। किसानों की जमीनें अधिग्रहित की जा रही हैं।"
सवाल
सरकारी कोटे की वैक्सीनें निजी अस्पतालों को बेचने पर भी उठे थे सवाल
बता दें कि सुखबीर बादल ने हाल ही में अपने कोटे की वैक्सीनें प्राइवेट अस्पतालों को बेचने को लेकर भी अमरिंदर सिंह की सरकार पर निशाना साधा था।
दरअसल, पंजाब सरकार राज्य के कोटे के तहत खरीदी गईं कोवैक्सिन वैक्सीन की खुराकों को अधिक कीमत पर निजी अस्पतालों को बेच रही थी। सरकार ने 400 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर ये वैक्सीन खरीदी थी, वहीं इन्हें निजी अस्पतालों को 1,060 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर बेचा गया।
विधानसभा चुनाव
पंजाब में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव
गौरतलब है कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इन चुनावों में कृषि कानून एक बड़ा मुद्दा रहने वाले हैं।
इन्हीं कानूनों को लेकर अकाली दल ने भाजपा के साथ अपना दशकों पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। इसके अलावा उसने 27 साल बाद पहली बार बसपा से हाथ भी मिलाया है और उसे 20 सीटें दी गई हैं।
वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस किसानों के गुस्से का फायदा उठा एक बार फिर से सत्ता में आना चाहती है।