कृषि कानून: प्रदर्शनकारी किसानों से मिले केजरीवाल, बोले- केंद्र सरकार को माननी चाहिए इनकी मांगें
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार सुबह प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने के लिए सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे। केजरीवाल के साथ मनीष सिसोदिया समेत उनकी सरकार के सभी मंत्री मौजूद थे। इस दौरान केजरीवाल ने वहां सुविधाओं को जायजा लिया और किसानों से बातचीत की। इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि किसानों की सभी मांगें जायज है। दिल्ली सरकार और उनकी पार्टी इस संघर्ष में किसानों के साथ खड़ी है।
किसानों की मांगे जायज- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा, "हम शुरुआत से किसानों के साथ खड़े हैं। मैं किसानों की मांग से सहमत हूं। मुझे लगता है कि सभी मांगें जायज हैं। सरकार को उनकी बात माननी चाहिए।" केजरीवाल ने आगे कहा कि वो आज किसानों के बीच मुख्यमंत्री नहीं बल्कि उनके सेवादार बनकर आए हैं। उन्होंने वहां व्यवस्था का जायजा लेने के बाद कहा कि पानी की कुछ परेशानी है, जिसे जल्द से जल्द दूर किया जाएगा।
स्टेडियमों को जेल में न बदलने के कारण आंदोलन को फायदा हुआ- केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब किसान आंदोलन शुरू हुआ था तो केंद्र सरकार ने उनसे राजधानी के लिए नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल बनाने की अनुमति मांगी थी। इसके लिए उन पर दबाव भी डाला गया था। केजरीवाल ने कहा, "मुझे बहुत फोन आए, बहुत दबाव भी था, लेकिन मैंने जमीर की सुनी। मुझे लगता है कि उस फैसले के कारण आंदोलन को मजबूती मिली है। केंद्र सरकार किसानों को जेल में डालने की योजना बना रही थी।"
दिल्ली सरकार ने ठुकराई थी पुलिस की अर्जी
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए केजरीवाल सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल में बदलने की इजाजत मांगी थी। सरकार ने यह कहते हुए अर्जी ठुकरा दी कि किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं और उनकी मांगें जायज हैं।
आम आदमी पार्टी ने किया भारत बंद का समर्थन
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने इस बंद का समर्थन किया है। केजरीवाल ने कहा, "आज किसान संकट में है। हमें उनके साथ खड़ा होना चाहिए। आम आदमी पार्टी 8 दिसंबर के भारत बंद का समर्थन करती है। पार्टी के कार्यकर्ता भारत बंद में शामिल होंगे।" आम आदमी पार्टी के अलावा 10 से अधिक दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है।
दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं किसान
कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। सरकार कानूनों में संशोधन को तैयार है, लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इस मुद्दे के समाधान के लिए किसानों और सरकार के बीच पांच बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। अब 9 दिसंबर को अगले दौर की बैठक होगी।