2+2 वार्ता के लिए भारत पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ तीसरे चरण की 2+2 वार्ता के लिए सोमवार को भारत पहुंच गए हैं। उनके साथ रक्षा सचिव मार्कटी एस्पर भी आए हैं। दोनों भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि यह बैठक रक्षा समझौते, क्षेत्रीय सुरक्षा और बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते (BECA) पर केंद्रित रहेगी।
प्रमुख रक्षा समझौते और BECA पर किए जा सकते हैं हस्ताक्षर
इस बैठक में दोनों देशों के BECA पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद जताई जा रही है। यह लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA), कम्युनिकेशंस कम्पेटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (COMCASA) और जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इंफॉर्मेशन एग्रीमेंट (GSOMIA) के बाद चौथा समझौता होगा। BECA करार से अमेरिका अपने सैन्य सैटेलाइट के जरिये संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्रों की अहम सूचनाएं भारत से साझा कर पाएगा। इससे क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों की सटीकता में सुधार होगा।
BECA में हुई महत्वपूर्ण प्रगति- अमेरिकी अधिकारी
BECA को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन में वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इसमें अब तक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, "हम अपनी संबंधित सेनाओं के साथ-साथ विदेशी रक्षा मंत्रालयों के बीच सुरक्षित संचार क्षमताओं का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं और पिछले सप्ताह हमने प्रमुखता से जानकारियां साझा करने का प्रयास किया है।" ये अमेरिकी नेता 2+2 वार्ता के अलावा होने वाली अन्य द्विपक्षीय बैठकों में भी शामिल होंगे।
अमेरिका ने भारत के साथ और अधिक जुड़ने का दिया संकेत
एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि दोनों देश और मजबूत संबंधों की दिशा में काम कर रहे थे। भारतीय नौसेना और USS निमित्ज कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के बीच इस साल गर्मियों में हुई कवायद सिर्फ एक उदाहरण है। पोर्ट ब्लेयर में नेवी P-8 विमान में से एक ईंधन रीफिल करना अन्य उदाहरण है। अधिकारी ने कहा कि इसी विचार के साथ हिंद महासागर क्षेत्र के सूचना संलयन केंद्र में एक अमेरिकी संपर्क अधिकारी भी तैनात किया गया था।
2016 में अमेरिकी का प्रमुख रक्षा भागीदार बना था भारत
दोनों देशों ने 2016 में अपने संबंधों का उस समय नई दिशा दी थी जब भारत अमेरिका का प्रमुख रक्षा साझेदार बना था। 2+2 वार्ता की पहली बैठक साल 2018 में हुई थी। इसके बाद 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा और फिर फरवरी 2020 में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत का दौरा किया था। कुछ दिनों पहले पोम्पिओ ने टोक्यो में एस जयशंकर से मुलाकात की थी अपने संबंधों को और मजबूत करने की बात कही थी।
प्रधानमंत्री मोदी और NSA डोभाल से मुलाकात करेंगे पोम्पिओ और एस्पर
27 अक्टूबर को समाप्त होने वाले अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान अमेरिका के शीर्ष नेताओं के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से भी मुलाकात करने की उम्मीद है। पोम्पिओ ने भारत यात्रा पर आने से पहले ट्वीट कर कहा था, 'वह भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया के दौरे पर रवाना हो रहे हैं। अमेरिका अपने क्षेत्रीय सहयोगी देशों के साथ मिलकर हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र आवाजाही और मजबूत सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा।'
भारत वैश्विक और क्षेत्रीय शक्ति के रूप उभरने का अमेरिका ने किया था स्वागत
अभी पिछले महीने, भारत और अमेरिका ने पहली बार रक्षा साइबर संवाद आयोजित किया था। 2021 में एक रक्षा अंतरिक्ष संवाद हो सकता है। 2+2 वार्ता से पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह एक अग्रणी क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उद्भव का स्वागत करता है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने आगामी कार्यकाल के दौरान भारत के साथ निकट सहयोग करने के लिए तत्पर है।