कृषि कानून: किसानों के समर्थन में कई JJP विधायक, केंद्र से कानून वापस लेने की मांग
क्या है खबर?
कृषि कानूनों को लेकर अभी तक हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन उनकी जननायक जनता पार्टी (JJP) के सात विधायक किसानों के समर्थन में उतर आए हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग की है। JJP के कुल 10 विधायक हैं और वो सरकार चलाने के लिए भाजपा को समर्थन दे रहे हैं।
गौरतलब है कि JJP पर लगातार कानूनों पर स्टैंड लेेने का दबाव बढ़ रहा है।
बयान
मुद्दे की संवेदनशीलता देखते हुए वापस लिए जाने चाहिए कानून- गौतम
नारनौंद से JJP विधायक राम कुमार गौतम किसानों के समर्थन में उतरने वाले सबसे नए विधायक हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इन कानूनों को वापस लेने की मांग की है।
गौतम ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता है। इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी को ये कानून वापस लेने चाहिए। सभी जाति और धर्मों के लोग दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। अगर उनकी भावनाओं के विपरित कानून जारी रखे जाते हैं तो यह गलत होगा।
बयान
"किसानों को जरूरत नहीं तो क्यों थोपे जा रहे कानून?"
74 वर्षीय गौतम ने कहा कि केंद्र और मनोहर लाल सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के भले के लिए है।
गौतम ने पूछा कि अगर ऐसा है तो ये कानून थोपे क्यों जा रहे हैं? अगर किसानों को इन कानूनों की जरूरत नहीं है तो इन्हें थोपा क्यों जा रहा है? केंद्र सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है?
गौतम से पहले नरवाना से विधायक रामनिवास ने भी किसानों को अपना समर्थन दिया था।
बयान
जरूरत पड़ी तो विधायक पद छोड़ने को तैयार- रामनिवास
रामनिवास ने किसानों के समर्थन में विधायकी छोड़ने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि वो सोमवार को नरवाना में होने वाली एक खाप पंचायत में भाग लेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो वो किसानों के समर्थन में विधानसभा की सदस्यता छोड़ने को तैयार हैं।
कृषि कानून
ये विधायक भी कर चुके किसानों का समर्थन
गौतम और रामनिवास के अलावा जुलाना से विधायक अमरजीत ढांडा भी किसानों के समर्थन में आ चुके हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार किसानों की मांगों पर विचार कर इस गतिरोध को समाप्त करेगी।
इसके साथ-साथ गुहला से JJP विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता ईश्वर सिंह ने कहा कि वो किसानों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ बात कर रही है और जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकलेगा।
हरियाणा
किसानों के समर्थन में पद ठुकरा चुके सिहाग
इससे पहले पार्टी के दो और विधायक जोगीराम सिहाग (बरवाला) और रामकरण काला (शाहाबाद) भी किसानों को अपना समर्थन दे चुके हैं।
इन्होंने सितंबर में एक प्रदर्शन में भी भाग लिया था। सिहाग तो किसानों के समर्थन में राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के प्रमुख का पद भी ठुकरा चुके हैं।
वहीं JJP कोटे से राज्य सरकार में मंत्री अनूप धानक भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को जारी रखने की मांग कर चुके हैं।
जानकारी
दुष्यंत की टिप्पणी की इंतजार
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान प्रदर्शनों पर दुष्यंत चौटाला की कोई टिप्पणी नहीं आई है। हालांकि, उनके पिता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्य़क्ष अजय सिंह चौटाला ने केंद्र सरकार से MSP को कानून में शामिल करने की मांग जरूर की है।
विवाद की वजह
कृषि कानूनों से जुड़ा मुद्दा क्या है?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं।
उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।