कौन हैं अन्नामलाई, जो बने भाजपा और AIADMK का गठबंधन टूटने का कारण?
2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा को तमिलनाडु में बड़ा झटका लगा है और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने उसके साथ गठबंधन तोड़ दिया है। कहा जा रहा है कि भाजपा ने अपने एक नेता के लिए ये गठबंधन टूटने दिया, जिसका नाम के अन्नामलाई है। अन्नामलाई वर्तमान में भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष हैं। आइए जानते हैं अन्नामलाई कौन हैं और वो गठबंधन टूटने का कारण कैसे बने।
कौन हैं अन्नामलाई?
39 वर्षीय अन्नामलाई कोयंबटूर के एक साधारण किसान परिवार से हैं। वो कोंगु-वेल्लार जाति के हैं। राजनीति में आने से पहले वो पुलिस अधिकारी थे और उन्होंने 25 मई, 2019 को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से इस्तीफा दिया था। 25 अगस्त, 2020 को वो भाजपा में शामिल हुए। इसके एक साल बाद 9 जुलाई, 2021 को उन्हें तमिलनाडु भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। 2021 तमिलनाड विधानसभा चुनाव में अन्नामलाई अरवाकुरुच्ची सीट से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार मिली।
अन्नामलाई का कौन-सा बयान माना जा रहा गठबंधन टूटने का कारण?
अन्नामलाई ने 11 सितंबर को तमिलनाडु के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई पर हिन्दू धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, "1956 में अन्नादुरई ने मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म का अपमान किया था। इसके कारण उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था और उन्हें छिपना पड़ा।" अन्नामलाई ने दावा किया कि जब अन्नादुरई ने माफी मांगी, तब वो बाहर आ सके थे। वो जयललिता के खिलाफ भी विवादित बयान दे चुके हैं।
AIADMK ने रखी थी अन्नामलाई की माफी की मांग
अन्नादुरई DMK के संस्थापक थे, जिससे अलग होकर बाद में AIADMK बनी। इसी कारण AIADMK अन्नामलाई के बयान को बर्दाश्त नहीं कर पाई और भाजपा से मांग की कि अन्नामलाई माफी मांगें या उन्हें पद से हटा दिया जाए। हालांकि, अन्नामलाई ने यह कहते हुए माफी मांगने से इनकार कर दिया कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है। भाजपा ने भी उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद AIADMK ने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया।
अन्नामलाई भाजपा के लिए इतना अहम क्यों?
भाजपा वास्तव में अन्नामलाई के जरिए तमिलनाडु का किला भेदना चाहती है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाम न बताने की शर्त पर भाजपा के एक नेता ने कहा कि अन्नामलाई ने भाजपा को तमिलनाडु में मुख्यधारा में ला दिया है। जब भाजपा ने अन्नामलाई को राज्य की इकाई का अध्यक्ष बनाया था, तब भी AIADMK ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद से दोनों दलों में मतभेद बढ़ते चले गए।
अन्नामलाई को अध्यक्ष बनाने से भाजपा को कितना फायदा हुआ?
अन्नामलाई तमिलनाडु में भाजपा के अकेले ही चुनाव लड़ने के पक्षधर हैं। भाजपा अन्नामलाई के जरिए तमिलनाडु के युवाओं को साधना चाहती है। हालांकि, पार्टी को अभी तक उनसे कुछ खास फायदा नहीं हुआ है। 2021 विधानसभा चुनाव में भाजपा अन्नामलाई की अध्यक्षता में ही लड़ी थी, लेकिन तब 20 सीटों में से केवल 4 पर ही जीत दर्ज कर पाई। अरवाकुरुच्ची सीट से खुद अन्नामलाई 24,300 वोटों से हार गए थे।