महाराष्ट्र: MVA में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू, 44 सीटों पर सहमति- रिपोर्ट
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर चर्चा शुरू हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, MVA की तीनों पार्टियां, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और कांग्रेस आपसी मतेभेदों के बावजूद एक साथ चुनाव लड़ने को तैयार हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 44 पर उनके बीच एक प्रारंभिक सहमति बन रही है।
MVA नेताओं ने क्या कहा?
एक MVA नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "राज्य की 44 सीटों पर प्राथमिक चर्चा में 17 पर कांग्रेस, 15 पर शिवसेना (उद्धव) और 12 पर NCP के चुनाव लड़ने की संभावना है। अन्य 4 सीटों पर आने वाले दिनों में चर्चा होगी और अभी कुछ तय नहीं किया गया है।" मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस चर्चा के शुरुआती संकेत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये ही आगे की बातचीत की नींव रखेंगे और पुष्टि करेंगे कि MVA एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा।
NCP प्रमुख के आवास पर हुई थी बैठक
पिछले हफ्ते NCP प्रमुख शरद पवार के आवास पर आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के बंटवारे को लेकर एक बैठक हुई थी। MVA की तीनों पार्टियों के नेताओं ने स्वीकार किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के सीट बंटवारे के परिणामस्वरूप कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में फेरबदल होगा। इसके अलावा प्रारंभिक चर्चाओं के आधार पर पार्टियां अपनी ताकत का आंकलन करेगी, जिसके बाद आगे की रणनीति पर फिर से विचार किया जाएगा।
इस आधार पर होगा सीट बंटवारा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, MVA ने सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने का फैसला लिया है, जिसका अर्थ है कि किसी विशेष निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा को हराने की उच्चतम संभावना वाली पार्टी को वरीयता मिलेगी, चाहे पिछले चुनाव के परिणाम कुछ भी रहे हों। MVA की तीनों पार्टियों ने राज्य में जमीनी स्तर पर अपना आंकलन पूरा कर लिया है और अब सीटों के बंटवारे को लेकर आगे की चर्चा होगी।
पवार बोले- पूरे विश्लेषण के बाद होगा सीटों का बंटवारे
पवार ने बीते दिनों हुए बैठक में स्पष्ट किया कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में वर्तमान राजनीतिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा, जिसके आधार पर NCP अपने गठबंधन के भागीदारों के साथ सीटों के लिए सौदेबाजी करेगी। इसके बाद शिवसेना (उद्धव) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि 2019 में उनकी अविभाजित पार्टी ने जिन 18 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी, उन पर किसी अन्य पार्टी के चुनाव लड़ने का कोई सवाल ही नहीं है।
2019 में शिवसेना और भाजपा ने मिलकर लड़ा चुनाव
2019 में भाजपा और शिवसेना ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस और NCP एक साथ मैदान में उतरे थे। उस वक्त भाजपा ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा और 23 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा और 18 सीटें जीतने में सफल रही थी। कांग्रेस ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल 1 सीट पर जीत हासिल की, जबकि NCP ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 सीटें जीती थीं।
2019 में 12 सीटों पर NCP और शिवसेना का था सीधा मुकाबला
2019 चुनाव में NCP का 12 सीटों पर अविभाजित शिवसेना के साथ सीधा मुकाबला था। इन सीटों में से बुलढाणा, नासिक, कल्याण, मावल और कोल्हापुर से वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे के नेताओं ने जीत हासिल की थी, जो अब भाजपा के साथ हैं।
2019 के बाद बदल चुके हैं समीकरण, बंट चुकी है शिवसेना
महाराष्ट्र में 2019 के बाद राजनीतिक समीकरण और गठबंधन भी बदल चुके हैं। शिवसेना दो गुटों में बंट गई है। एक धड़ा उद्धव ठाकरे के साथ है तो दूसरा गुट शिंदे के साथ खड़ा है। 2019 चुनाव में शिवसेना के जीते हुए 18 सांसद भी दोनों गुटों में बंट गए हैं। 12 सांसद शिंदे के साथ हैं, जबकि 6 सांसद ठाकरे के साथ हैं। ऐसे में देखना होगा कि MVA में शिवेसना (उद्धव) कितनी सीटों पर मानती है।
MVA में सीटों का बंटवारा सबसे बड़ी चुनौती
MVA के सामने लोकसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है क्योंकि यह पहली बार है जब तीनों पार्टियां एक साथ एक बड़ी चुनावी लड़ाई लड़ने जा रही हैं। इसके अलावा प्रकाश अम्बेडकर के नेतृत्व वाले वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) और राजू शेट्टी के नेतृत्व वाले स्वाभिमानी पक्ष जैसे छोटे सहयोगियों को समायोजित करने की चुनौती का भी गठबंधन को सामना करना पड़ेगा।