#NewsBytesExplainer: निपाह वायरस को लेकर केरल में अलर्ट, जानें इसके लक्षण, उपचार और ये कितना खतरनाक
केरल के कोझिकोड जिले में बुखार के कारण 2 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने का मामला सामने आया है। यह मौतें निपाह वायरस के कारण होने की आशंका जताई जा रही है, जिसके बाद केरल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। केरल में पहले भी कई बार निपाह वायरस फैल चुका है। आइए इस वायरस और इसके लक्षणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस को एक जूनोटिक संक्रमण के रूप में जाना जाता है, यानी यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। पहली बार 1999 में इस वायरस की पहचान की गई थी। निपाह वायरस का नाम मलेशिया के सुंगई निपाह गांव के नाम पर रखा गया है, जहां पर यह पहली बार मिला था। यह वायरस सुअर, कुत्ते, बकरी, बिल्ली, घोड़े और भेड़ों के जरिए इंसानों तक फैल सकता है।
कैसे फैलता है निपाह वायरस?
निपाह वायरस अधिकांश तौर पर फ्रूट बैट यानी फल खाने वाली चमगादड़ों के जरिए फैलता है। यह चमगादड़ पेड़ों पर लगे फलों को खाकर छोड़ देती हैं और इन फलों का सेवन करने से यह वायरस मनुष्य के शरीर में पहुंच जाता है। इसके अलावा किसी संक्रमित जानवर या उसके शरीर से निकल रहे तरल पदार्थ के साथ निकट संपर्क में आने पर भी वायरस के फैलने का खतरा रहता है। ये इंसानों से इंसानों में भी फैलता है।
क्या हैं निपाह वायरस के लक्षण?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मनुष्यों में निपाह वायरस बिना लक्षण वाले संक्रमण से लेकर तीव्र श्वसन संक्रमण और घातक एन्सेफलाइटिस तक का कारण बनता है। संक्रमित लोगों को शुरू में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और गले में खराश होती है। इसके बाद चक्कर आना, नींद नहीं आना और याददाश्त में कमी आदि लक्षण दिखते हैं। गंभीर मामलों में एन्सेफलाइटिस और दौरे पड़ते हैं और मरीज 24 से 48 घंटों के भीतर कोमा में चले जाता है।
क्या है निपाह वायरस का उपचार और ये कितना खतरनाक?
WHO के मुताबिक, निपाह वायरस के उपचार के लिए कोई विशिष्ट दवा वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। WHO संक्रमण के कारण श्वसन और तंत्रिका संबंधी गंभीर जटिलताओं के इलाज के लिए गहन चिकित्सा देखभाल की सिफारिश करता है। निपाह वायरस के खिलाफ वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है। निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों में मृत्यु दर 40 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच है और इस कारण इसका समय से पता लगाया जाना काफी अहम हो जाता है।
संक्रमण से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
WHO का कहना है कि निपाह संक्रमण को कम करने या रोकने का एकमात्र तरीका लोगों में जागरूकता फैलाना है। निपाह वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है। दूषित फलों या पक्षियों द्वारा खाए गए फलों को खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा किसी भी फल को खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह धोना चाहिए। कच्चा मांस खाने और इससे बने उत्पादों को खाने से भी बचना चाहिए।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में पहली बार निपाह वायरस के मामले 2018 में केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में सामने आए थे। तब बड़े स्तर पर लोग संक्रमित हुए थे और 17 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद कोरोना वायरस महामारी के दौरान 2021 में भी कोझिकोड के एक गांव में निपाह वायरस फैल गया था। इस पर काबू पा लिया गया था, लेकिन एक लड़के की मौत हो गई थी।