Page Loader
सिद्धू ने संभाला पंजाब कांग्रेस प्रमुख का पदभार, अमरिंदर सिंह से भी की मुलाकात
नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरीश रावत

सिद्धू ने संभाला पंजाब कांग्रेस प्रमुख का पदभार, अमरिंदर सिंह से भी की मुलाकात

Jul 23, 2021
01:14 pm

क्या है खबर?

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस इकाई के नवनिुयक्त प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने आज सुबह पंजाब भवन में एक 'चाय पार्टी' के दौरान मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच चार महीनों से अधिक समय बाद यह पहली बैठक है। माना जा रहा है कि इसी के साथ दोनों नेताओं के बीच चला आ टकराव समाप्त हो गया है। सिद्धू के पदभार ग्रहण समारोह से पहले इस 'चाय पार्टी' का आयोजन हुआ था।

पंजाब कांग्रेस

सिद्धू ने छुए अमरिंदर सिंह के पैर

शुक्रवार सुबह पटियाला से चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन पहुंचे सिद्धू कांग्रेस भवन के लिए निकल गए थे। रास्ते में उन्हें पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत का फोन गया, जिसके बाद वो वापस पंजाब भवन पहुंचे। यहां सिद्धू ने अमरिंदर सिंह से मुलाकात और उनके पैर छुए। दोनों ने रावत और बाकी मंत्रियों के साथ चाय पी और कांग्रेस भवन के लिए रवाना हो गए। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में कलह थम गई है।

पदभार ग्रहण समारोह

एक ही मंच पर नजर आए सिद्धू और सिंह

कांग्रेस भवन में आज सिद्धू की ताजपोशी हुई है। पदभार ग्रहण समारोह में कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व पंजाब प्रमुख सुनील जाखड़ एक ही मंच पर नजर आए। समारोह में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस भवन के बाहर इकट्ठा हुए हैं। लोगों के बीच अंदर घुसने को लेकर धक्कामुक्की होने की भी खबरें हैं। सिद्धू के साथ-साथ पंजाब कांग्रेस के चार उपाध्यक्षों ने भी आज पदभार ग्रहण किया।

बयान

साथ मिलकर काम करेंगे मैं और सिद्धू- सिंह

अमरिंदर सिंह ने कहा, "मैं और सिद्धू मिलकर काम करेंगे। जब 1963 में सिद्धू का जन्म हुआ, तब मैं IMA में कमीशन हुआ था। सिद्धू के पिता और मेरी माता राजनीति में एक साथ थे। जब मैंने सेना छोड़ी तो उनके पिता ने मेरी राजनीति में आने में मदद की थी। मैं छह साल की उम्र से सिद्धू के घर जा रहा हूं।" उन्होंने कहा कि सिद्धू को लोगों को साथ लाकर उन्हें मोबलाइज करना होगा।

पंजाब कांग्रेस

सिद्धू और सिंह के बीच चल रहा था टकराव

2019 में कम महत्व वाला पद मिलने के कारण मंत्री पद छोड़ने वाले सिद्धू पिछले काफी समय से अमरिंदर सिंह पर हमलावर बने हुए थे। उन्होंने सिखों के पवित्र ग्रंथ के अपमान के मामले में पंजाब सरकार की कानूनी हार और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की फायरिंग को लेकर अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा था। इसके बाद से अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच चल रहा टकराव बढ़ गया था और मामला शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच गया।

पंजाब कांग्रेस

सिंह ने किया था सिद्धू के प्रमोशन का विरोध

अमरिंदर सिंह ने खुले तौर पर सिद्धू के प्रमोशन का विरोध किया था, लेकिन पार्टी हाईकमान ने उनके विरोध को नजरअंदाज कर दिया। इसके अलावा पार्टी ने उपाध्यक्ष के पदों पर तैनाती को लेकर भी मुख्यमंत्री की मांगों को नहीं माना। जब सोनिया गांधी ने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बना दिया तो सिंह ने शर्त रखी कि जब तक सिद्धू उन पर किए गए हमलों के लिए माफी नहीं मांग लेते, तब तक वो उनसे नहीं मिलेंगे।