पंजाब: जहरीली शराब पीने से अब तक 64 लोगों की मौत, 10 गिरफ्तार
पंजाब में जहरीली शराब पीने से मौत होने के मामले में विकराल रूप ले लिया है। शनिवार शाम तक राज्य में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 64 पहुंच गई है। इसको लेकर लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पुलिस की ओर से अवैध रूप से शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जगह-जगह दबिश दी जा रही है। इसमें पुलिस ने अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
तरनतारन जिले में हुई सबसे अधिक 42 लोगों की मौत
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार तरनतारन जिला कलक्टर कुलवंत सिंह ने बताया कि राज्य में जहरीली शराब पीने से सबसे अधिक मौत तरतारन जिले में 42 लोगों की हुई है। इसके अलावा अमृतसर के मुच्छल और तांगरा गांव में 11 तथा गुरदासपुर के बटाला गांव में नौ लोगों की मौत हुई है। इसी तरह दो अन्य मौतें और हुई है। मृतकों के परिजनों की ओर से पुलिस ने जहरीली शराब को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया जा रहा है।
मृतकों के परिजन नहीं कर रहे जहरीली शराब से मौत होने की बात स्वीकार
गुरदासपुर पुलिस उपायुक्त मोहम्मद इश्फाक ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि कई मृतकों के परिजन बयान देने नहीं आ रहे हैं और यह भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। उन्होंने कहा कि कई परिजन तो पुलिस जांच से बचने के लिए मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बता रहे हैं। ऐसे में परिजनों को समझाया जा रहा है कि वास्तविकता बताने से उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बिना पोस्टमार्टम के ही कर दिए अंतिम संस्कार- जिला कलक्टर
तरनतारन के जिला कलक्टर ने बताया कि जहरीली शराब पीकर मरने वालों में से कुछ के परिवार वालों ने पुलिस को सूचना दिए बिना ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि गुरुवार को अमृतसर में पांच लोगों को बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इसी तरह शुक्रवार को बटाला और तरनतारन में भी परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम के ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। इससे स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही है।
सरकार ने दिए पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के आदेश
मामले में शुक्रवार को राज्य सरकार ने ऐसे मामलों में बिना पोस्टमार्टम के किसी का भी अंतिम संस्कार नहीं किए जाने के आदेश जारी किए हैं। ऐसे में अब कुछ लोग मौत होने के बाद भी पुलिस को सूचना नहीं दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश
बता दें कि मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा था कि जांच जालंधर के संभागीय आयुक्त, राज्य के संयुक्त आबकारी और कराधान आयुक्त तथा संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक करेंगे। दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद पुलिस ने अवैध रूप से शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 10 जनों को गिरफ्तार कर लिया।
राज्य में 29 जुलाई को हुई थी जहरीली शराब से पहली मौत
बता दे कि राज्य में पहली पांच मौतें गत 29 जुलाई को मुच्छल और तांगरा गांव में हुई थी। उसके बाद 30 जुलाई को मुच्छल में दो और लोगों की मौत हो गई तथा एक अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा शुक्रवार को जहरीली शराब पीने से मुच्छल में चार, बटाला गांव में पांच तथा तरनतारन में चार अन्य लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही मृृृृृृृृृृृृृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है।