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पुलवामा हमला: पकिस्तान का हाथ होने के सवाल पर सिद्धू बोले- आतंकवाद का कोई देश नहीं

पुलवामा हमला: पकिस्तान का हाथ होने के सवाल पर सिद्धू बोले- आतंकवाद का कोई देश नहीं

Feb 16, 2019
01:15 pm

क्या है खबर?

अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार पुलवामा हमले पर दिए गए अपने बयान को लेकर सिद्धू लोगों के निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर #boycottsidhu ट्रेंड कर रहा है। लोग मांग कर रहे हैं कि सोनी टीवी पर आने वाले कपिल शर्मा शो से सिद्धू को हटाया जाए। आइये जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।

बयान

क्या था सिद्धू का पहला बयान

पुलवामा हमले के बाद सिद्धू ने अपने बयान में कहा था कि इस समस्या के स्थायी समाधान की तलाश करनी चाहिए। हमले की निंदा करते हुए सिद्धू ने कहा कि कब तक जवान अपनी जान देते रहेंगे। इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए। सिद्धू ने यह भी कहा कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता, आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता और ना ही उनकी कोई जाति होती है।

ट्विटर पोस्ट

सिद्धू का बयान

बयान

पाकिस्तान के प्रति नरमी बरतने का आरोप

इसके बाद उनका एक और बयान सामने आया। सिद्धू ने कहा, "कुछ लोगों के लिए क्या आप पूरे देश को जिम्मेदार ठहरा सकते है और क्या आप किसी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहरा सकते हो? यह कायरतापूर्ण कार्रवाई है और मैं सख्ती से इसकी निंदा करता हूं। हिंसा हमेशा निंदनीय है और जिन लोगों ने यह किया उन्हें सजा मिलनी चाहिए।" लोगों को यह बयान पसंद नहीं आया और वे सिद्धू पर पाकिस्तान के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाने लगे।

ट्विटर पोस्ट

सिद्धू को शो से बाहर करने की मांग

बयान

भाजपा नेता ने सिद्धू को भेजी पायल

सिद्धू के बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दिल्ली भाजपा प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने सिद्धू को पायल भेजी है। उन्होंने लिखा, 'सिद्धू जी आपके लिए पायल भेजी है उपहार में, पहन के अपने यार दिलदार इमरान खान की धुन पर नाचिए।'

ट्विटर पोस्ट

बग्गा का ट्वीट

पुराने विवाद

'झप्पी' बनी थी विवाद की वजह

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने के बाद से लगातार सिद्धू को निशाना बनाया जा रहा है। इस दौरान सिद्धू पाकिस्तानी सेना प्रमुख से गले मिले थे। भारत में उनकी इस झप्पी को लेकर खूब विवाद हुआ था। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी सिद्धू के पाकिस्तान जाने से खफा थे और उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इसका विरोध किया था। इन सब के बीच सिद्धू लगातार पाकिस्तान के साथ बातचीत के हिमायती रहे हैं।