कोविड से उबरने के बाद कांग्रेस सांसद राजीव सातव का निधन, राहुल गांधी के थे करीबी
क्या है खबर?
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद राजीव सातव का आज सुबह निधन हो गया। 46 वर्षीय सातव कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद पिछले 23 दिन से अस्पताल में भर्ती थे। वे कोरोना को मात दे चुके थे, लेकिन उन्हें निमोनिया बना हुआ था। तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उनके निधन पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। सातव को राहुल का करीबी माना जाता था।
मामला
तबीयत खराब होने के बाद वेंटीलेटर पर रखे गए थे सातव
राजीव सातव को 22 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद महाराष्ट्र के पुणे के जहांगीर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां पर उनकी हालत बिगड़ती गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।
कुछ दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद धीरे-धीरे उनकी तबीयत में सुधार होने लगा और उनकी कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई।
नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों ने कहा था कि सातव स्वस्थ हैं और उन्हें जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी।
जानकारी
अस्पताल से छुट्टी से पहले बिगड़ी तबीयत
हालांकि अस्पताल से छुट्टी से पहले ही सातव की तबीयत फिर से खराब हो गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। अंत में तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। डॉक्टरों के अनुसार, कोरोना नेगेटिव होने के बावजूद उन्हें निमोनिया बना हुआ था।
शोक
राहुल गांधी बोले- अपार संभावनाओं वाले नेता थे राजीव
सातव के करीबी राहुल गांधी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने लिखा, 'मुझे अपने दोस्त राजीव सातव के खोने का बहुत दुख है। वह अपार संभावनाओं वाले नेता थे जिन्होंने कांग्रेस के आदर्शों को अपनाया। यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना और प्यार।'
कांग्रेस पार्टी ने भी ट्वीट कर सातव के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्हें बहुत याद किया जाएगा।
ट्वीट
सुरजेवाला बोले- बहुत याद आओगे दोस्त
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राजीव सातव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, 'निशब्द! आज एक ऐसा साथी खो दिया जिसने सार्वजनिक जीवन का पहला कदम युवा कांग्रेस में मेरे साथ रखा और आज तक साथ चले पर आज... राजीव सातव की सादगी, बेबाक मुस्कराहट, जमीनी जुड़ाव, नेतृत्व और पार्टी से निष्ठा और दोस्ती सदा याद आएंगी। अलविदा मेरे दोस्त! जहां रहो, चमकते रहो!!!'
राजनीतिक सफर
कैसा रहा राजीव सातव का राजनीतिक सफर?
पूर्व मंत्री रजनी सातव के बेटे राजीव सातव ने भारतीय युवा कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी और वह उसके अध्यक्ष भी रहे थे। 2014 में वह महाराष्ट्र के हिंगोली से लोकसभा चुनाव लड़े और मोदी लहर के बावजूद जीतकर संसद पहुंचे।
हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव में वह मैदान में नहीं उतरे जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा से संसद भेजा।
वह कांग्रेस महासचिव और गुजरात में पार्टी मामलों के प्रभारी भी रहे।