मणिपुर: NPP ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से वापस लिया समर्थन, जानिए क्या है कारण
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच रविवार शाम को कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने भाजपा के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे गए एक आधिकारिक पत्र में NPP ने राज्य में मौजूदा कानून और व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर मौजूदा स्थिति से निपटने में नाकाम होने का आरोप लगाया है।
NPP ने पत्र में क्या लिखा?
नड्डा को भेजे गए एक आधिकारिक पत्र में NPP ने कहा, 'हमने दृढ़ता से महसूस किया है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार राज्य में फैली जातीय हिंसा को नियंत्रित करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है। मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने फैसला किया है कि वह मणिपुर में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से तत्काल प्रभाव से अपना समर्थन वापस ले रही है।'
मणिपुर विधानसभा में अब क्या रहेगी स्थिति?
मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। वर्तमान में वहां भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार है और उसके पार कुल 53 सीटें हैं। इनमें भाजपा की 37, NPP की 7, NPF की 5, ZU की 1 और और 3 निर्दलीय विधायक शामिल है। अब NPP के 7 विधायक के समर्थन वापस लेने से NDA के पास 46 सीटें रह जाएंगी। हालांकि, इससे NDA सरकार के अस्तित्व पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
गृह मंत्री ने मणिपुर मामले में बुलाई बैठक
सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर के ताजा हालातों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। साथ ही सोमवार को गृहमंत्री इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक और बड़ी बैठक करेंगे। इससे पहले दिन में गृह मंत्री ने महाराष्ट्र से अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रमों को रद्द दिया था और तत्काल दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे।
मणिपुर में शनिवार को हुई थी हिंसा
बता दें कि मणिपुर के जीरीबाम की बराक नदी से 6 विस्थापितों के शव मिलने के बाद शनिवार को इंफाल में जमकर हिंसा हुई। प्रदर्शनकारियों ने 3 मंत्रियों और 6 विधायकों के घरों पर हमला कर आगजनी की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर हमले का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इसके बाद 3 जिलों में निषेधाज्ञा लागू करने के साथ 5 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करनी पड़ी है।