मणिपुर में फिर बेकाबू हुए हालात, राज्य सरकार ने केंद्र से की AFSPA हटाने की मांग
मणिपुर एक बार फिर से हिंसा की आग में जल उठा है। जीरीबाम की बराक नदी से 3 बच्चों सहित 6 विस्थापितों के शव मिलने के बाद शनिवार को इंफाल में जमकर हिंसा हुई। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के 3 मंत्रियों और 6 विधायकों के घरों पर हमला कर आगजनी की। इस बीच राज्य सरकार ने केंद्र से 6 पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र वाले क्षेत्रों से सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA) 1958 हटाने की मांग की है।
इंफाल में कैसे भड़की हिंसा?
विस्थापितों के शिविर से सोमवार से लापता 2 महिलाओं और 1 बच्चे का शव शनिवार को बराक नदी में मिला था। इससे पहले शुक्रवार रात को भी एक महिला और 2 बच्चों के शव भी वहीं से बरामद किए गए थे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SMCH) भेज दिया। इस बीच संदिग्ध उग्रवादियों ने बिष्णुपुर जिले के इरेंगबाम मानिंग इलाके में सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया और हिंसा भड़क गई।
प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों और विधायकों के घर पर किया हमला
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने शाम करीब 4 बजे इंफाल पश्चिम जिले के लांफेल सनकेथेल में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन, सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसिन्द्रो सिंह और शहरी विकास मंत्री वाई खेमचंद के आवास पर हमला कर तोड़फोड़ की और कुछ वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों का सुरक्षाबलों से टकराव भी हुआ।
मुख्यमंत्री के दामाद के आवास पर भी हमला
3 मंत्रियों के घरों के अलावा भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आरके इमो के आवास पर भी हमला कर तोड़फोड़ की। इसके अलावा, संपत्ति को भी आग के आग के हवाले कर दिया। इसी तरह भाजपा विधायक सापम कुंजकेसोरे और विधायक जॉयकिशन सिंह के घरों को भी प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया है। अधिकारियों ने बताया कि एक वाहन को विधायक सापम कुंजकेसोरे के घर के बाहर आग लगा दी गई।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी हमले का प्रयास
भीड़ ने शाम 6 बजे मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के पैतृक आवास का घेराव करने के बाद हमले का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागकर उन्हें रोक लिया। इस दौरान करीब एक घंटे तक प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों का मुकाबला किया।
सरकार ने 5 जिलों में लगाया कर्फ्यू और बंद की इंटरनेट सेवा
मुख्य सचिव विनीत जोशी ने शनिवार शाम 5.15 बजे इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ साथ ही नफरत फैलाने वाले भाषणों और वीडियो पर रोक लगाने के लिए इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थोउबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में इंटरनेट और मोबाइल डाटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। इधर, मानवाधिकार संगठनों की समन्वय समिति (COCOMI) ने उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग की है।
राज्य सरकार ने की AFSPA हटाने की मांग
मणिपुर सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर 6 पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र वाले क्षेत्रों में लागू किए गए AFSPA की समीक्षा करने और उसे वापस लेने का अनुरोध किया है। बता दें कि केंद्र ने 14 नवंबर को इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लामसांग, इंफाल पूर्व में लामलाई, बिष्णुपुर में मोइरांग, कांगपोकपी में लीमाखोंग और जिरीबाम जिले में जिरीबाम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में AFSPA लागू कर दिया था। उसके बाद हिंसा और भड़क गई।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से की शांति बहाल कराने की मांग
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मणिपुर में हिंसक झड़पों और जारी खूनखराबे को बेहद परेशान करने वाला बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य का दौरा करने और क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिजो जिरलाई पावल (MZP) ने मणिपुर में बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की है और केंद्र से हिंसा प्रभावित मणिपुर में मिजो छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।